भोपाल. मध्य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) अपनी लापरवाही की वजह से कोरोना वायरस से संक्रमित हो रही है. इसी लापरवाही की बात से नाराज होकर पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) ने प्रदेश की सभी पुलिस इकाई को पत्र लिखकर फिर से दिशा निर्देशों और कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का पालन करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यालय ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि पहले दिए गए निर्देशों का पालन पुलिस इकाइयों के द्वारा नहीं किया जा रहा है, इसलिए पत्र में सख्ती से गाइडलाइन और निर्देशों का पालन करने की हिदायत दी गई. पुलिस मुख्यालय ने कोरोना की जारी की गई गाइडलाइन और निर्देशों का पालन कराने को लेकर एक बार फिर पत्र प्रदेश की सभी पुलिस इकाई के प्रमुखों को लिखा है. पत्र में लिखा गया है कि दिशा निर्देश जारी करने के साथ बुकलेट उपलब्ध कराने के बावजूद भी लापरवाही से पुलिस कर्मी संक्रमित हो रहे हैं. इसके अलावा मुख्यालय ने 8 बिंदुओं की गाइडलाइन में पुलिस इकाइयों की जिम्मेदारी फिक्स की है. ये हैं गाइडलाइन… >>फील्ड पर ड्यूटी करते समय डबल मास्क, बार-बार सैनिटाइजर का इस्तेमाल और सोशल डिस्टेंस का पालन किया जाए.>>पुलिस इकाई के प्रभारियों को अपने अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारियों के संक्रमित होने की जानकारी होनी चाहिए. इस जानकारी के आधार पर पुलिस कर्मियों की मदद की जाए. >>इकाई प्रमुख की जिम्मेदारी है कि दूसरे जिलों में अपना इलाज करा रहे पुलिस कर्मचारियों को संबंधित जिले से मदद दिलाई जाए. >>हर पुलिस इकाई में नोडल अधिकारी नियुक्ति के निर्देश दिए गए थे. इन निर्देशों का पालन करते हुए किसी भी रैंक के अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाकर पुलिस कर्मचारियों की हर संभव इस संकट काल में मदद की जाए.>>पुलिस इकाई का प्रभारी नोडल अधिकारी से जानकारी को साझा करें और नोडल अधिकारी की जानकारी के अनुसार संक्रमित पुलिस कर्मी को अस्पताल में भर्ती कराने से लेकर उसकी तमाम स्वास्थ सुविधाओं का ध्यान रखा जाए. >>संक्रमित पुलिसकर्मियों की जानकारी मिलने पर इलाज में किसी भी तरीके की देरी ना की जाए, क्योंकि कई बार देरी होने से जान का खतरा बन जाता है. >>इकाई प्रमुख को एक इकाई में तैनात पुलिस कर्मचारी यदि किसी दूसरे जिले में किसी भी काम से जाता है तो उसकी जानकारी उसके पास होनी चाहिए. जब कर्मचारी वापस तैनात वाले जिले में आता है तो तमाम कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करना चाहिए.