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65 करोड़ का स्टेट प्लेन 20 दिन से ग्वालियर में खड़ा है , सरकार अब हर घंटे 5 लाख रुपए किराए पर विमान लेगी

प्रदेश सरकार ने पिछले साल अमेरिकी एविएशन कंपनी ट्रैक्सट्रॉन से 65 करोड़ रु. में 7 सीटर बी-200जीटी/वीटी एमपीक्यू प्लेन खरीदा था। उस वक्त देश में इतना अत्याधुनिक स्टेट प्लेन सिर्फ हरियाणा सरकार के पास था। लेकिन हैरानी की बात है कि ये प्लेन पिछले 20 दिन से ग्वालियर एयरबेस पर ‘कबाड़’ जैसा खड़ा है। वजह है- इसका मेंटेनेंस न होना।ये मेंटेनेंस अमेरिकी कंपनी के एक्सपर्ट को करना है, लेकिन कोरोना के चलते कंपनी ने अपने एक्सपर्ट को अगले दो महीने तक भारत भेजने से इनकार कर दिया है। यानी जब तक विमान सही नहीं होगा, तब तक सरकार के पास खुद का कोई उड़न खटोला नहीं है। फिलहाल सरकार ने इसका रास्ता निकाल लिया है। वो जब तक पुराना प्लेन दुरुस्त नहीं हो जाता, तब तक एक और 7 सीटर टर्बाे पोर्प विमान किराए पर लेगी। इसका किराया 5 लाख रु. प्रति घंटा होगा। इसके लिए सरकार ने प्रस्ताव बुलाए हैं।प्लेन भले ही पांच बार उड़े, लेकिन भुगतान महीनेभर का ही होगाविमानन विभाग ने स्टेट प्लेन की तरह वीआईपी उड़ानों के लिए सात सीटर टर्बो पोर्प एरोप्लेन किराए पर लेने के प्रस्ताव बुलाए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि कंपनी को प्लेन दो घंटे के शार्ट टाइम में कहीं भी उड़ान के लिए उपलब्ध कराना होगा। कंपनी को प्लेन के लिए कम उड़ान होने पर भी महीने में 30 से 31 घंटे की उड़ान का भुगतान अनिवार्य रूप से किया जाएगा। इस पर फैसला 31 मई तक प्रस्ताव आने के बाद लिया जाएगा।विमान की कॉकपिट, प्रोपैलर ब्लैड, व्हील सब टूट गए थेबता दें कि सरकार का स्टेट प्लेन 6 मई को गुजरात से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर आ रहा था। ग्वालियर में सेना के महाराजपुरा एयरबेस के रनवे पर वह बैरियर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उनकी कॉकपिट के आगे का हिस्सा, प्रोपैलर ब्लैड, प्रोपैलर हब और व्हील क्षतिग्रस्त हो चुके थे।विमान को अपने खर्च पर ठीक कराना होगाप्राथमिक जांच में पता चला है कि 6 मई को जब प्लेन लैंड हो रहा था, उस वक्त उसकी रफ्तार 200 किमी प्रति घंटा थी। लैंड होते ही वह अरेस्टर बैरियर से टकराया था। इसमें एटीसी की भूमिका की भी जांच हो रही है। दुर्घटनाग्रस्त हुए जहाज का बीमा नहीं था। इसलिए राज्य सरकार को अपने खर्चे पर ही इसे ठीक करवाना होगा।डीजीसीए ने जांच शुरू कीफिलहाल स्टेट प्लेन हादसे की जांच डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन बोर्ड से करा रहा है। इसके दो अफसरों की टीम घटनास्थल का निरीक्षण कर चुकी है।मेंटेनेंस कब होगा, पता नहीं… ‘कोरोना के कारण कंपनी के एक्सपर्ट आ नहीं पा रहे हैं। इसका मेंटेनेंस कब हो पाएगा, ये कहना मुश्किल है। शासन ने अभी विमान किराए पर लेने के लिए प्रस्ताव बुलाए हैं।’ वी. विजय दत्ता, आयुक्त, विमानन

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