भोपाल| राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy Implemented In MP ) एमपी में भी लागू हो गया है। सत्र 2021-22 में यह नीति लागू होगी। इस साल ग्रेजुएशन में जो दाखिले होंगे, उन छात्रों के लिए नए सत्र में उसी हिसाब से सिलेबस होगा। अगले चरण में सेकंड और थर्ड ईयर के छात्रों पर इसे लागू किया जाएगा। प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद सर्टिफिकेट एक साल, डिप्लोमा दो साल और डिग्री तीन साल में मिल जाएगी।नई शिक्षा नीति लागू करने से पहले एमपी में गठित विशेषज्ञों की टीम ने कई राज्यों का दौरा किया था। वहां के पाठ्यक्रमों का अध्ययन किया था। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने बीते दिनों कहा था कि प्रदेश के महाविद्यालयों में 177 डिप्लोमा और 282 सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए जाएंगे। यह जॉब ओरिएंटेड होंगे। नई शिक्षा नीति में छात्रों को योग और ध्यान का पाठ्यक्रम भी जोड़ा गया है, विद्यार्थियों के लिए यह वैकल्पिक विषय होगा। वह अपनी मर्जी से एक वैकल्पिक विषय चुन सकते हैं।12वीं अब नहीं चुननी पड़ेगी स्ट्रीमअभी तक जो स्कूली शिक्षा का पैटर्न है, उसके अनुसार 10वीं तक बच्चे सारे सब्जेक्ट पढ़ते हैं। दसवीं बोर्ड के रिजल्ट आने के बाद उन्हें स्ट्रीम चुननी होती है। कोई साइंस, कोई ऑर्ट्स तो कोई कॉमर्स लेता है। ग्रेजुएशन में भी पढ़ाई के लिए एक सब्जेक्ट चुननी पड़ती है। नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद प्रदेश में 5+3+3+4 के पैटर्न को फॉलो किया जाएगा। इसके हिसाब से स्कूल के आखिर चार साल को एक सामान माना गया है। यानी 11वीं और 12वीं के बच्चे भी अब सारे विषय पढ़ेंगे। उन्हें स्ट्रीम चुनने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साइंस स्ट्रीम से पढ़ रहा बच्चा, इतिहास भी पढ़ सकता है। इसके साथ वैकल्पिक विषयों को भी एक विषय के रूप में ही शामिल किया जाएगा। इसे कोई एक्स्ट्रा विषय नहीं माना जाएगा।