भोपाल/होशंगाबाद। प्रदेश के होशंगाबाद में हनीट्रैप गैंग चलाने वाले ब्लैकमेलर बर्खास्त पुलिसकर्मी पुलिस के हत्थे नहीं चढ रहे है। करीब 15 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को इन ब्लैकमेलर फरार पुलिसकर्मियों का कोई सुराग नही मिला है। पुलिस सुत्रो की मानी जाये तो अब चारों पुलिसकर्मियों को पकड़ने के लिए मुखबिरों और आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जाएगा। गोरतलब है कि हनीट्रैप मामले के बर्खास्त आरोपी एसआई जय नलवाया, महिला प्रधान आरक्षक ज्योति मांझी, आरक्षक ताराचंद जाटव, मनोज वर्मा की जमानत न्यायालय से निरस्त होने के बाद से फरार हैं। पुलिस सभी आरोपी पुलिसकर्मियों की तलाश उनकी मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर ले रही थी, लेकिन अब तक पुलिस को कोई सुराग नहीं लगा है।आरोपियो को पकडने के लिये नई टीम बनाई गई है, यह टीम तकनीकी जॉच का सहारा लेकर व मोबाइल लोकेशन के जरिये उनकी तलाश कर रही है।मामले मे कोतवाली के पूर्व एसआई जय नलवाया, महिला प्रधान आरक्षक ज्योति मांझी, आरक्षक मनोज वर्मा, एसडीओपी ऑफिस के पूर्व आरक्षक ताराचंद जाटव आरोपी हैं। यह आरोपी पुलिस कर्मियों ने सुनीता ठाकुर नामक महिला के साथ मिलकर हनीट्रैप गैंग बनाई थी। गैंग की महिला सुनीता ठाकुर युवा, बुजुर्गों को फोन पर बातचीत या मिलकर फोटो, वीडियो बनाती थीं। फिर बर्खास्त आरोपी पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच जाते ओर झूठी शिकायत कर केस दर्ज कराने की धमकी देकर मोटी रकम मांगते थे। गिरोह के चारों पुलिसकर्मी भी पीड़ितों को थाने में शिकायत आने का हवाला देकर ब्यान देने के लिए बुलाते थे। ओर फिर पुलिस केस से बचने के लिए रुपए के लिए ब्लैकमेल करते थे। कोतवाली थाने में पदस्थ रहने के दौरान इन पुलिसकर्मियों ने ब्लैकमेलिंग को अंजाम दिया। इस कार्य में चारों पुलिसकर्मियों ने कोतवाली थाने की सील का भी गलत इस्तेमाल किया। विभागीय जांच में दोषी पाये जाने पर डेढ़ माह पहले एसआई जय नलवाया को डीआईजी ने बर्खास्त किया व महिला प्रधान आरक्षक, दोनों आरक्षक को एसपी संतोष सिंह गौर ने बर्खास्त किया।