News Follow Up
मध्यप्रदेश

मप्र में 15 अक्टूबर से शुरू होगी बाघों की गिनती

भोपाल । मध्य प्रदेश में लगभग 15 अक्टूबर से बाघों की गिनती शुरू होगी और दिसंबर तक वन कर्मचारी जंगल में रहकर आंकड़े जुटाएंगे। आंकड़ों का मिलान महीनेभर में करके डेटा भेज दिया जाएगा। देशभर में बाघों की गणना तीन माह चलेगी। उल्लेखनीय है कि तीन चरणों में पूरी होने वाली इस गणना के पहले चरण में सभी वन बीट में मांसाहारी एवं शाकाहारी वन्यप्राणियों की उपस्थिति के साक्ष्य जुटाए जाएंगे। दूसरे चरण में जीआइएस मैप का वैज्ञानिक अध्ययन करेंगे और तीसरे चरण में वन क्षेत्रों में ट्रैप कैमरा लगाकर वन्यप्राणियों के फोटो लिए जाएंगे। मालूम हो ‎कि अगले माह शुरू हो रहे पांचवें ‘राष्ट्रीय बाघ आकलन-2022″ में कागज का उपयोग नहीं होगा। भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून ने ‘एम स्ट्राइप इकोलॉजिकल” एप तैयार किया है। इसमें सीधे बाघ की उपस्थिति के आंकड़े दर्ज होंगे और फोटो अपलोड किए जाएंगे। इससे डाटा एंट्री का समय बचेगा और देश-प्रदेश में कितने बाघ हैं, इसकी रिपोर्ट छह माह पहले यानी एक साल में आ जाएगी। अभी रिपोर्ट आने में डेढ़ साल से अधिक का समय लगता है। दरअसल, जंगल से कागज पर जुटाई गई जानकारी को कंप्यूटर (डिजीटल फार्म) में दर्ज करने और फोटो को अपलोड करने में छह माह लग जाते हैं। प्रदेश में बाघ आकलन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। वनवृत्त स्तर पर मैदानी अमले को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पिछले दिनों पचमढ़ी में हुए प्रशिक्षण में विभाग के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल और वन बल प्रमुख आरके गुप्ता शामिल हुए और तैयारियों की समीक्षा की। देश में अभी तक बाघों की गणना कागज पर हुई है। वन कर्मचारियों को कागज-पेन लेकर जंगल में भेजा जाता था और वे बाघ के प्रमाण व अन्य वन्यप्राणियों की संख्या तय कालमों में अंकित करते थे। तीन महीने की इस प्रक्रिया के बाद इस डेटा की कंप्यूटर में एंट्री की जाती थी। डेटा के मिलान और संशोधन करने में छह माह लग जाते थे। फिर ये डेटा भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून को भेजा जाता था। जहां गणना के तीनों चरणों में मिले प्रमाण के आधार पर एक-एक बाघ की उपस्थिति का परीक्षण होता था। इस पूरी प्रक्रिया में डेढ़ साल से ज्यादा समय लग जाता था। वन अधिकारियों का कहना है कि एप बनने और आंकड़े उसमें सीधे दर्ज होने से रिपोर्ट आने में देरी नहीं होगी। यानी अक्टूबर से दिसंबर तक चलने वाली गणना की रिपोर्ट दिसंबर 2022 तक आ जाएगी।

Related posts

बैरसिया में भी बनाया जायेगा कोविड केयर सेंटर – विधायक विष्णु खत्री

NewsFollowUp Team

उत्तर भारत का देशी गौ-भैंस संरक्षण का राष्ट्रीय ब्रीडिंग सेंटर कीरतपुर में तैयार

NewsFollowUp Team

कोरोना कर्फ्यू में गुरुवार से और ढील

NewsFollowUp Team