कार्तियानी अम्मा ‘चेप्पाड राजकीय एलपी स्कूल’ में परीक्षा में बैठी थीं. पढ़ने-लिखने को प्रेरित इस बुजुर्ग महिला ने साक्षरता परीक्षा में 100 में से 98 अंक हासिल किए थे.कार्तियानी अम्मा के निधन के बाद केरल के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने शोक व्यक्त किया है. सीएम ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “उनका निधन एक महत्वपूर्ण क्षति है, हार्दिक संवेदना
केरल राज्य साक्षरता मिशन के तहत 96 साल की उम्र में सबसे उम्रदराज शिक्षार्थी बनकर इतिहास रचने वाली कार्तियानी अम्मा का 10 अक्टूबर का राज्य के तटीय अलाप्पुझा जिले के चेप्पाड गांव में उनके आवास पर निधन हो गया. वह 101 वर्ष की थीं. वे लंबे समय से बीमार थी और कथित तौर पर स्ट्रोक के चलते उनका निधन हो गया. केंद्र सरकार ने उन्हें नारी शक्ति पुरुस्कार से सम्मानित किया था. उन्होंने साक्षरता मिशन के लिए खुद वॉलंटियर किया था.
कार्तयायनी अम्मा ने न केवल दक्षिणी राज्य के साक्षरता मिशन के तहत 96 साल की उम्र में सबसे उम्रदराज छात्रा होने के लिए प्रसिद्धि हासिल की थी, बल्कि चौथी कक्षा के समकक्ष परीक्षा ‘अक्षरलक्षम’ परीक्षा में दो विषयों में पूरे नंबर और लिखने में 40 में से 38 उच्चतम अंक हासिल करने के लिए भी प्रसिद्ध हासिल की थी.
42 हजार उम्मीदवारों में से बनी थीं टॉपर
साक्षरता परीक्षा (लिटरेसी परीक्षा) की आयोजन 5 अगस्त 2018 को हुआ था जिसमें करीब 42933 लोगों ने हिस्सा लिया था.
अम्मा उन्हीं लोगों में से सबसे उम्रदराज महिला थीं. कार्तियानी अम्मा ‘चेप्पाड राजकीय एलपी स्कूल’ में परीक्षा में बैठी थीं. पढ़ने-लिखने को प्रेरित इस इस बुजुर्ग महिला ने 6 महीने पहले राज्य साक्षरता मिशन के एक कार्यक्रम में नामांकन कराया था. कार्तियानी अम्मा ने बताया था कि साक्षरता परीक्षा में 100 मे में 98 अंक आने पर वह काफी खुश हुई थी इसी के साथ वह 100 साल की उम्र तक कक्षा 10 को पास करना चाहती हैं. साक्षरता परीक्षा के लिए केरल सरकार ने ‘अक्षरालक साक्षरता मिशन’ नाम का अभियान चलाया था, जिसका उद्देश्य केरल में 100 फीसदी साक्षरता करना है.