विधानसभा चुनाव से पहले भोपाल में मेट्रो का ट्राय रन पूर्ण हो गया है। अब इसके कामर्शियन रन की तैयारी शुरु हो गई है। इसके लिए प्रायाेरिटी कारिडोर में सुभाष नगर डिपो से एम्स अस्पताल साकेत नगर तक आवश्यक सिविल वर्क पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। जिससे लोकसभा चुनाव से पहले मेट्रो का कामर्शियल रन भी शुरु किया जा सके। हालांकि कामर्शियल रन शुरु होने के एक महीने तक यात्रियों से किराया नहीं वसूला जाएगा, बल्कि उन्हें जाय राइड कराई जाएगी।
वर्तमान में एम्स से सुभाष नगर तक करीब सात किलोमीटर का मेट्रो ट्रैक तैयार हो गया है। इसमें सुभाष नगर से रानी कमलापति तक सिग्नलिंग और विद्युतीकरण का काम भी किया जा चुका है। यहां अभी मेट्रो का सेफ्टी ट्रायल किया जा रहा है। जबकि रानीकमलापति से हबीबगंज नाके के बीच रेलवे लाइन के ऊपर स्टील ब्रिज का निर्माण होना है। जो आखिरी जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। मप्र मेट्रो के अधिकारियों ने बताया कि भोपाल में पहले चरण के संचालन के लिए प्रायोरिटी कारिडोर का 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। इसमें तीन माह तक ट्रायल रन करने के बाद मार्च 2024 में मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त इस मार्ग की संरक्षा को परखेंगे। उनके संतुष्ट होने के बाद प्रायोरिटी कारिडोर पर मेट्रो संचालन की अनुमति दी जाएगी।
अप्रैल में शुरु हो सकता है कामर्शियल रन
देश में मई 2023 तक लोकसभा चुनाव होने की उम्मीद जताई जा रही है। इधर भोपाल मेट्रो के प्रायोरिटी कारिडोर का काम भी करीब 10 प्रतिशत बचा है। इसके पूर्ण होते ही कामर्शियल रन के लिए टेस्टिंग की जाएगी। अधिकारी संभावना जता रहे हैं कि अप्रैल 2023 के आखिरी सप्ताह तक मेट्रो का संचालन शुरु हो जाएगा।
प्रायोरिटी कारिडोर में एम्स से सुभाष नगर के बीच कुल आठ स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इनमें रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, सरगम टाकीज, डीबी माल, केंद्रीय विद्यायल और सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन बनकर तैयार हो गए हैं। जबकि हबीबगंज नाका, अलकापुरी और एम्स अस्पताल के पास मेट्रो स्टेशन का काम तीव्र गति से किया जा रहा है।
दिव्यांगो के लिए सहज होगी मेट्रो की यात्रा
भोपाल मेट्रो में दिव्यांगो के लिए यात्रा करना आसान होगा। यहां स्टेशन, लिफ्ट और टिकट काउंटर पर दिव्यांगो की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। यहां दृष्टबाधितों के लिए ब्रेल लिपि का इस्तेमाल भी किया जाएगा। सीढ़ियों के साथ दिव्यांगों के लिए अलग से साइड रेलिंग और नीचे चलने के लिए विशेष प्रकार की टाइल्स लगाई जाएगी। जिससे दिव्यांग बिना किसी सहयोगी के मेट्रो रेल से आवागमन कर सकेंगे।
मेट्रो परियोजना
प्रोजेक्ट मंजूरी 30 नवंबर 2018
एमओयू साइन हुआ – 19 अगस्त 2019
ज्वांइट वेंचर की पहली बैठक – 29 दिसंबर 2020
प्रायरिटी कारिडोर में ट्रायल रन की सयम सीमा – सितंबर 2023
मेटो प्रोजेक्ट की कुल लागत – 6,941 करोड़ रुपये
प्रायरिटी कारिडोर – 6.2 किलोमीटर
ट्रायल रन(सुभाष नगर से आरकेएमपी) – तीन अक्टूबर 2023
इनका कहना है
मप्र मेट्रो का ट्रायल रन निर्धारित समय के अनुसार किया गया है। अब हमारी कोशिश है कि प्रायोरिटी कारिडोर में कामर्शियल रन भी जल्द शुरु कर दें। इसके लिए जो भी काम बचे हैं, उसे समय सीमा में पूर्ण करने के लिए अधिकारियों और कांट्रेक्टर को निर्देशित किया गया है।