महिलाओं को लुभाने वाली भाजपा और कांग्रेस की घोषणाओं के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुदनी में महिला मतदान 2.6 प्रतिशत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के क्षेत्र छिंदवाड़ा में 1.38 प्रतिशत बढ़ा है। इस चुनाव में बुदनी में महिला मतदान 82.77 और छिंदवाड़ा में 80.92 प्रतिशत रहा।
अनुसूचित जनजाति (अजजा) वर्ग के लिए आरक्षित 47 सीटों में 12 सीटों को छोड़कर बाकी में महिला मतदान प्रतिशत बढ़ा है। वर्ष 2018 की तुलना में आदिवासी सीटों में सर्वाधिक सात प्रतिशत की बढ़ोतरी लखनादौन और इसके बाद पांच-पांच प्रतिशत सिहोरा और बरघाट में हुई है। वहीं, पिछले चुनाव की तुलना में आदिवासी सीटों में मतदान में सर्वाधिक चार प्रतिशत की कमी बड़वानी में आई है। 47 में से 25 आदिवासी सीटों में 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है। इनमें सर्वाधिक 87.8 बरघाट में है।
इस चुनाव में 77.15 प्रतिशत मतदान हुआ है जो अब तक रिकार्ड है। इसके पहले सर्वाधिक 75.63 प्रतिशत मतदान वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में हुआ था। इस बार 78.22 पुरुषों और 76.03 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया है।
आदिवासियों को साधने के प्रयास
आदिवासी सीटों पर अच्छा मतदान होने का एक बड़ा कारण यह भी है कि इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों बड़ों दलों नें आदिवासी मतदाताओं पर ज्यादा ध्यान लगाया था। पिछले चुनाव में इन सीटों पर भाजपा की स्थिति ठीक नहीं थी। 47 में से 15 सीटें ही भाजपा जीत पाई थी। इस कारण पार्टी का इस चुनाव में पूरा ध्यान इन सीटों पर रहा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी वर्ष एक जुलाई को शहडोल से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का शुभारंभ किया था। यह आदिवासियों में होने वाली खून की बीमारी है। कांग्रेस ने भी आदिवासी स्वाभिमान यात्रा शुरू करने के साथ ही अपने वचन पत्र में आदिवासी वर्ग के लिए कई घोषणाएं की हैं। इनमें भी महिलाओं पर विशेष ध्यान रहा।