एक तरफ तमाम विपक्षी दल हैं तो दूसरी ओर भाजपा है। सवाल यही है कि क्या I.N.D.I.A. गठबंधन मोदी का मुकाबला कर पाएगा?
Mission 2024: देश में अगला आम चुनाव साल 2024 में होना है। इसके लिए सियासी घमासान अभी से शुरू हो गया है। एक तरफ भाजपा और मोदी सरकार है तो दूसरी तरफ विपक्षी दल है। एक तरफ जहां मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दल (Opposition Meet) लामबंद हो रहे हैं, वहीं तीन राज्यों में जबरदस्त जीत के बाद भाजपा के हौंसले बुलंद हैं।
विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद भाजपा ने मिशन -2024 यानी लोकसभा चुनाव में जीत के लिए बिसात बिछा दी है। प्रदेश के 29 लोकसभा क्षेत्रों में से 23 का मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व हो गया है। बालाघाट, छिंदवाड़ा, धार, गुना , खंडवा और खरगोन लोकसभा क्षेत्र से कोई मंत्री नहीं है। छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सभी सात विधानसभा सीटों से कांग्रेस जीती थी। इस कारण यहां से किसी को मंत्री बनाना संभव नहीं था। धार लोकसभा क्षेत्र में आने वाली आठ विधानसभा सीटों में तीन में भाजपा और बाकी में कांग्रेस जीती थी।
मंत्रिमंडल विस्तार के पहले ही इस बात की पूरी उम्मीद थी कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए क्षेत्रीय समीकरणों पर विशेष ध्यान देगी। केंद्रीय नेतृत्व से भी इसी तरह के निर्देश मिलने की बात सामने आ रही थी। वैसा ही हुआ भी। मोहन मंत्रिमंडल में इसकी झलक भी देखने को मिली।
कुल मिलाकर इन लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा की जीत के लिए भी इन मंत्रियों को जी-जान से जुटना पड़ेगा। विधानसभा चुनाव में पार्टी द्वारा संकल्प पत्र में किए गए वादों को सरकार के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्र में पूरा करने की जिम्मेदारी इन पर रहेगी।
किस अंचल का कितना प्रतिनिधित्व
- ग्वालियर-चंबल- 6
- बुंदेलखंड – 3
- विंध्य -4
- महाकोशल – 3
- मध्य भारत – 8
- मालवा-निमाड़ – 9
सरकार में ओबीसी मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, एक अनुसूचित जाति और एक अनारक्षित उप मुख्यमंत्री के साथ 13 ओबीसी, पांच एसी और पांच एसटी ( इनमें पांच महिला शामिल हैं) मंत्री बनाकर सबका साथ, सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास सिद्ध करने का प्रयास हुआ है।
रजनीश अग्रवाल, प्रदेश मंत्री, मप्र भाजपा।