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मध्यप्रदेश

नए साल में नगर निगम को मिलेगा नया मुख्यालय

राजधानी में नया वर्ष 2024 शहरवासियों को नई सौगातें देने वाला है। इसमें तुलसी नगर में बन रहे नगर निगम के मुख्यालय के साथ मेट्रो सिटी का दर्जा और इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शामिल है। वहीं अधोसंरचना विकास से जुड़े कई प्रोजेक्ट भी चल रहे हैं, जो शहर की रफ्तार को बढ़ा देंगे।

बता दें कि अभी नगर निगम की अलग-अलग शाखाओं में काम के लिए लोगों को कई कार्यालयाें के चक्कर लगाने पड़ते हैं। वर्तमान में नगर निगम का मुख्यालय गोविंदपुरा स्थित आइएसबीटी में है। जबकि अन्य कार्यालय माता मंदिर, स्मार्ट सिटी गोविंदपुरा और पुराने शहर में है। यदि तुलसी नगर में कार्यालय बन जाएगा, तो शहरवासियों को एक ही छत के नीचे नगर निगम से संबंधित सभी सुविधाएं मिल सकेंगी।

फिलहाल निगम मुख्यालय भवन का 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है और बचा हुआ काम मार्च 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसकी अनुमानित लागत 40 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसमें महिलाओं के लिए अलग से शी टायलेट और फीडिंग रुम की सुविधा मिलेगी।

मेट्रो में यात्रा कर सकेंगी शहरवासी

एम्स से सुभाष नगर तक करीब सात किलोमीटर के प्रायोरिटी कारिडोर में मेट्रो का कामर्शियल रन शुरू किया जाएगा। इधर रत्नागिरी तिराहे से भदभदा चौराहे तक मेट्रो की ब्लू लाइन के निर्माण के लिए भी कंपनी ने काम शुरू कर दिया। इसमें 14 किमी एलिवेटेड कारिडोर, 13 मेट्रो स्टेशन, रोलिंग स्टाक समेत अन्य निर्माण कार्यों में 1122 करोड़ रुपए खर्च होंगे। साल 2026 तक ये प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। जबकि एम्स से करोंद तक प्रस्तावित करीब 16 किलोमीटर कॉरिडोर का काम 2027 तक पूरा। इसके बाद शहर के 30 किमी मार्ग में मेट्रो का संचालन किया जाएगा।

जीजी फ्लाइआवेर से बढ़ेगी यातायात की रफ्तार

शहर के एमपी नगर क्षेत्र में गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर तक 126 करोड़ रुपये से बनाए जा रहे जीजी फ्लाइओवर का निर्माण अप्रैल 2024 तक पूरा हो जाएगा। इसके बनने के बाद अरेरा हिल्स से रानीकमलापति रेलवे स्टेशन तक पहुंचने में महज चार मिनट का समय लगेगा। जबकि अभी 10 मिनट समय लगता है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि अरेरा हिल्स के पास करीब 250 मीटर पानी की पाइप लाइन शिफ्ट होना है, ये काम होते ही बचे हुए काम पूरे कर लिए जाएंगे।

गीले कचरे से बनेगी बायो सीएनजी

शहर से निकलने वाले कचरे में से प्रतिदिन 200 टन गीले कचरे से बायो सीएनजी बनाई जाएगी। ये काम 2024 में शुरू हो जाएगा। वर्तमान में शहर से लगभग 800 टन कचरा प्रतिदिन निकलता है और इसके निष्पादन पर निगम द्वारा 333 रुपए प्रति मैट्रिक टन खर्च किया जाता है। आदमपुर छावनी में बॉयो सीएनजी प्लांट आरएनजी प्राईवेट लिमिटेड द्वारा लगाया जा रहा है, जो नए साल में काम शुरू कर देगा। निगम को इस प्लांट से 83 लाख रुपए की सालाना रायल्टी 20 सालों तक मिलेगी। साथ ही बाजार भाव से पांच रुपए कम की दर पर बायो सीएनजी निगम को दी जाएगी। यह प्लांट ठोस अपशिष्ट निष्पादन पर सालाना दो करोड़ 43 लाख 09 हजार रुपए के खर्च को बचाएगा।

सूखे कचरे से बनेगा टारीफाईड चारकोल

400 टन प्रतिदिन म्युनिसिपल सालिड वेस्ट (सूखे कचरे) से टारीफाईड चारकोल बनाया जाएगा। ये काम बिल्ट आन आपरेट माडल पर आधारित होगा और आदमपुर छावनी में 15 एकड़ भूमि पर स्थापित होने वाले प्लांट की स्थापना, संचालन, संधारण एनटीपीसी द्वारा 25 सालों तक किया जाएगा। ये प्लांट एनटीपीसी 80 करोड़ रुपए खर्च कर लगा रही है। इस प्लांट की शुरुआत से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर होने वाले चार करोड़ 86 लाख 18 हजार रुपए का खर्च बचेगा।

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