उज्जैन: उज्जैन में एक बार फिर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी उजागर हुई । इस बार चरक अस्पताल की दो नर्स को पकड़ा गया है । यह दोनों नर्स मरीज को लगाने की जगह इंजेक्शन अपने पास रख लेती थी । इसके बाद एक युवक के माध्यम से इन्हें बेच देती थी । पकड़े जाने के बाद दोनों नर्स रोते हुए पुलिस अफसरों के सामने माफ कर देने के लिए गिड़गिड़ाती रही । कोरोना महामारी अपने चरम पर है । रोजाना कई मरीज बेहतर इलाज नहीं मिल पाने के कारण अपनी जान से हाथ धो रहे हैं । कोरोना काल में डॉक्टर द्वारा लिखे जाने वाले इंजेक्शन रेमडेसिविर और मेरोपेनम की कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही है । गुरुवार को सायबर टीम ने कार्रवाई की और दो नर्स के साथ एक युवक को पकड़ा । आरोपियों के पास से पांच इंजेक्शन बरामद किए गए है । दो रेमडेसिविर और तीन मेरोपेनम इंजेक्शन है । उज्जैन के सरकारी अस्पताल चरक में नर्स का काम करने वाली नर्स राजश्री मालवीय और एकता मालवीय को सायबर की टीम ने सेंटर कोतवाली पुलिस के साथ गिरफ्तार किया है । युवक मयूर सोलंकी ही दोनों नर्स के लिए ग्राहक खोज कर लाता था ।सायबर टीम ने बिछाया जालसीएसपी पल्लवी शुक्ला ने बताय कि आरोपियों ने बताया है कि तीन इंजेक्शन वो पहले ही एसएस अस्पताल में किसी को एक लाख रुपए में बेच चुके थे । चरक अस्पताल के कोविड वार्ड में काम करने वाली नर्स इस पूरे काम को अंजाम देती थी । कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए इंजेक्शन शासन उपलब्ध करवाता था , जिसमें से मरीजों को लगने वाले इंजेक्शन को बचा लेती थी और बाजार में मयूर के माध्यम से बेच देती थी । सायबर टीम ने बिछाया जाल नों के संबंध में सायबर टीम को खबर मिली तो इन्हें पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया । अपने एक साथी व मरीज का परिजन बनकर इंजेक्शन खरीदने के लिए भेजा गया । इससे 20 हजार में इंजेक्शन का सौदा तय हुआ था । सायबर टीम के साथी को जिसे इंजेक्शन दिए गए तीनों आरोपियों को पकड़ लिया गया । इससे पहले 25 अप्रैल को उज्जैन चिमनगंज मंडी थाना पुलिस ने 8 लोगो को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़ा था ।