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कोरोना संकट के बीच आई एक नई मुसीबत, भारत में तेजी से पैर पसार रहा ‘ब्लैक फंगस’, जानें किस राज्य में कितने मामले

नई दिल्ली। ‘ब्लैक फंगस’ यानी ‘म्यूकर माइकोसिस’ भारत में तेजी से पांव पसार रहा है। बीते एक महीने में देश में पांच हजार से ज्यादा संक्रमितों की पहचान हो चुकी है। तेजी से फैलते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों से इसे महामारी रोग अधिनियम-1897 के तहत अधिसूचित करने का आग्रह किया है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बाद अब तमिलनाडु, कर्नाटक, असम, ओडिशा व तेलंगाना की सरकारों ने भी इसे महामारी रोग अधिनियम-1897 के तहत अधिसूचित बीमारी घोषित कर भी दिया है।तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने गुरुवार को कहा, मौजूदा समय में राज्य में ‘ब्लैक फंगस’ से संक्रमित नौ लोगों का इलाज चल रहा है। इनमें से छह पुराने, जबकि तीन नए मामले हैं। सात मामलों में पीड़ित डायबिटीज के रोगी हैं और हाल ही में कोविड-19 से उबरे हैं। सभी की स्थिति स्थिर है। उन्होंने बताया कि ‘ब्लैक फंगस’ कोरोना महामारी की शुरुआत से पहले ही अस्तित्व में आ चुका था। अनियंत्रित ब्लड शुगर, स्टेरॉयड का सेवन और लंबे समय तक गहन चिकित्सा इकाइयों में रहना इस संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है।वहीं, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा कि ‘म्यूकरमाइकोसिस’ राज्य में अब अधिसूचित रोग है। कोई भी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र, जिसमें संक्रमण के इलाज की क्षमता है, किसी भी मरीज को भर्ती करने से इंकार नहीं कर सकता। इस संबंध में आधिकारिक आदेश जल्द जारी किया जाएगा। उधर, तेलंगाना ने ‘ब्लैक फंगस’ को अधिसूचित बीमारी घोषित करते हुए सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य केंद्रों को इसकी जांच, निदान व प्रबंधन के लिए केंद्र की ओर से तय दिशा-निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया। ओडिशा और असम की सरकारों ने भी ‘ब्लैक फंगस’ को महामारी रोग अधिनियम-1897 के तहत अधिसूचित करते हुए सभी पुष्ट व संदिग्ध मामलों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग से साझा करना अनिवार्य बना दिया है।हरियाणा- राज्यभर में 226 से ज्यादा मरीजों में ‘म्यूकरमाइकोसिस’ संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से 14 मरीजों की मौत हुई। सरकार ने इसे अधिसूचित रोग घोषित किया है। चार मेडिकल कॉलेज में 20-20 बेड इलाज के लिए आरक्षित किए गए हैं।महाराष्ट्र- अभी तक लगभग 1500 मरीजों की पहचान हुई है। इनमें से 500 से अधिक संक्रमण से उबर चुके हैं। जबकि 850 से ज्यादा का इलाज चल रहा है। राज्य में ‘म्यूकरमाइकोसिस’ से कम से कम 90 मरीजों की जान जा चुकी है।दिल्ली- देश की राजधानी दिल्ली में 185 से ज्यादा मामले रिकॉर्ड हो चुके हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोकनायक, जीटीबी और राजीव गांधी अस्पताल को ‘ब्लैक फंगस’ के इलाज को समर्पित केंद्र बनाने का निर्देश दिया है।तमिलनाडु- राज्य सरकार ने ‘म्यूकरमाइकोसिस’ को अधिसूचित बीमारी घोषित किया है। फिलहाल वहां नौ मरीजों में इस संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। स्थिति की समीक्षा के लिए दस सदस्यीय समिति बनाई गई है।बिहार- 50 से ज्यादा मरीजों में ‘ब्लैक फंगस’ की पुष्टि हुई है। एक महिला और एक चिकित्सक की मौत हो चुकी है। गुरुवार को ‘व्हाइट फंगस’ के चार मामले आने से दहशत बढ़ गई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह उतना खतरनाक नहीं है।छत्तीसगढ़- ‘ब्लैक फंगस’ के 90 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 61 मरीजों का एम्स रायपुर में इलाज चल रहा। बाकी रायपुर, दुर्ग और महासमुंद के अस्पतालों में भर्ती हैं। दुर्ग में एक संक्रमित की मौत की खबर सामने आई है।उत्तर प्रदेश- ‘ब्लैक फंगस’ के 120 मामले रिकॉर्ड हो चुके हैं। 13 मरीजों की जान गई। राज्य के अस्पतालों में 3000 एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की मांग होने की खबर है, लेकिन फिलहाल 636 इंजेक्शन की आपूर्ति हो पाई है।

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