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मध्यप्रदेश

पर्यावास भवन मुख्यद्वार पर ढोलक थाली मंजीरे बजाकर प्रशासन को जगाने के प्रयास

हाऊसिंग बोर्ड में पुराने कर्मचारियों को नजरअंदाज कर  द्वितीय श्रेणी के पदों पर सीधी भर्ती के विरोध में नाराजगी का माहौल आंदोलन का होगा शंखनाद 11 अगस्त को सम्पूर्ण प्रदेश में  मुख्यालय पर्यावास भवन सहित सभी सर्किलों, डिवीजनों एवं सहायक यन्त्री कार्यालयों में द्वार सभा (गेट मीटिंग) आयोजित की जावेगी।  हाउसिंग बोर्ड अधिकारी/कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष बलवंत सिंह रघुवशीं ने बताया कि मण्डल में वरिष्ठों को नजरअंदाज करते हुए सीधी भर्ती के प्रयास किये जा रहे हैं एवं कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित नही किया जा रहा है मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों जैसे PHE, PWD मंत्रालय सहित अन्य में कार्यभारित कर्मचारियों को पेंशन की पात्रता है परन्तु हाउसिंग बोर्ड में  वंचित रखा जा रहा है    हमारी निम्न माँगे हैं :;(1) हाउसिंग बोर्ड के कार्यभारित कर्मियों को शासन के कर्मियों की तरह  “पेंशन” प्रदान की जाए। (2) स्थाई कर्मियों को नियमित किया जावे (3) 6वे एवं 7 वे वेतनमान के एरियर के बकाया का भुगतान किया जाए,(4)रोके गए इंक्रीमेंट एवं मंहगाई भत्ते का भुगतान नगद में किया जाए (5) सीधी भर्ती पर वरिष्ठों के प्रोमोशन तक रोक लगाई जाए और यदि भर्ती करना ही है तो चतुर्थ तृतीय श्रेणी में की जावे द्वितीय श्रेणी में सीधे भर्ती का विरोध है उक्त माँगो को लेकर कर्मचारी संघ 11 अगस्त 2021 को दोपहर 1.25 बजे पर्यावास मुख्यालय सहित सभी सर्किलों में द्वार सभा (गेट मीटिंग) आयोजित कर अपनी आवाज बुलन्द करेगा एवं एक मांगपत्र मंन्त्री महोदय,प्रमुख सचिव एवं आयुक्त को सौपकर माँग करेगा कि यदि 15 दिन में हमारी माँगे पूरी नही की जाती हैं तो उसके बाद प्रांतव्यापी चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा जिसकी सारी जिम्मेदारी मण्डल प्रशासन की होगी।

हाउसिंग बोर्ड  में सीधी भर्ती के विरोध के कुछ कारण इस प्रकार है:- 40 साल से मंडल में सामान्य श्रेणी के द्वतीय श्रेणी अधिकारियों की सीधी भर्ती नही हुई है , अब उस श्रेणी के पद सीधी भर्ती से भरने में , पूर्व से कार्यरत कर्मचारियों की मनोदशा पर कितना विपरीत असर पड़ेगा ये विचारणीय विषय है। शाखा अधिकारी , सहायक यंत्री , संपत्ति अधिकारी के 25 प्रतिशत पद सीधी भर्ती के है , अगर समय से भर लेते तो कोई असंतुलन नही होता लेकिन 40 साल बाद भरने से असंतुलन की स्तिथि बन रही है , क्योकि डीपीसी नही होने से प्रमोशन भी नही हो पा रहे है ।

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