News Follow Up
मध्यप्रदेश

बारूदी सुरंगों के विस्फोट से बचाने में सक्षम है माइंस प्रोटेक्टेड व्हीकल, BSF की टीम खेप लेने जबलपुर पहुंची

जबलपुर बार्डर सुरक्षा फोर्स (BSF) की एक टीम बुधवार को जबलपुर पहुंची है। दरअसल, ये टीम यहां से माइंस प्रोटेक्टेड व्हीकल (MPV) की एक खेप ले जाएगी। नक्सलियों और आंतकियों की ओर से बिछाए गए बारूदी सुरंग के धमाकों से जवानों की जिंदगी बचाने में MPV को कारगर माना जाता है। BSF के सुझाव पर इन वाहनों में सुरक्षा की ऐसी तकनीक भी लगाने की तैयारी है, जिससे यह बारूदी सुरंग से पहले ही ड्राइवर को खतरे से अलर्ट कर दे।जबलपुर वीकल फैक्ट्री (VFJ) इससे पहले सेना के लिए स्टालियन-6×6 और कई अन्य वाहन बनाती थी। अब यहां 1970 से MPV तैयार किए जा रहे हैं। VFJ को अभी 100 MPV बनाने का ऑर्डर मिला है। इस वाहन के बारे में कहा जाता है कि बारूदी सुरंग के ऊपर से गुजरने के बाद अगर विस्फोट हो भी जाए तो सैनिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। MPV कई किलो बारूद के विस्फोट को सहन कर सकता है। इसमें शक्तिशाली आर्मर्ड शीट होती है, जो बारूद के विस्फोट को सहन करने में सक्षम है। इसका शीशा बुलेट प्रूफ होता है जो फायरिंग से भी जवानों को बचाता है। वाहन में जवाबी फायरिंग के लिए पोर्ट भी बने होते हैं। बांग्लादेश को भी भा गई MPV की खूबियां, दिखाई दिलचस्पी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को भी MPV की खूबियां भा गई हैं। बांग्लादेशी सरकार की ओर से रक्षा सौदे के लिए हाथ बढ़ाया गया है। इसके लिए बांग्लादेश का एक डेलिगेशन भी आज VFJ पहुंचा है। उनके साथ कोलकाता से ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) के अधिकारी भी हैं, जो MPV से संबंधित जानकारी बांग्लादेशी डेलिगेशन को देंगे। फिलहाल, बांग्लादेशी डेलिगेशन इस व्हीकल की खूबियों को और करीब से जानना चाहती है, जिसके बाद ऑर्डर और सप्लाई की तारीख तय होगी। रक्षा मंत्रालय के माध्यम से ये खरीदी प्रक्रिया होनी है।क्वॉलिटी पैरामीटर्स का मुआयनाआधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, VFJ पहुंची बांग्लादेशी डेलिगेशन के 9 सदस्यों की टीम MPV की प्रोडक्शन लाइन, क्वॉलिटी पैरामीटर्स, इंजन पॉवर जैसे कई महत्वपूर्ण पहलुओं का जायजा लेगी। इस दौरान यह भी तय किया जाएगा कि बांग्लादेश की तरफ से आने वाली डिमांड को कितने दिनों में पूरा किया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, 5 MPV की सप्लाई पड़ोसी देश नेपाल को भी की गई है।2014 से बंद था निर्माणMPV का प्रयोग BSF के साथ-साथ सेना, CRPF, असम राइफल, छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र पुलिस भी कर रही है। खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में MPV से ही पेट्रोलिंग की जाती है। MPV के निर्माण में कई कच्चा माल विदेशों से मंगाना पड़ता है। 2014 से JVF में इसका निर्माण लगभग बंद था। 2020 में रक्षा मंत्रालय की ओर से सेना और अर्द्धसैनिक बलों के लिए वाहन तैयार करने का ऑर्डर VFJ को मिला था। BSF को कुल 224 वाहनों की जरूरत है। अभी उसके पास 30 वाहन ही मौजूद हैं। अब 10 वाहन और खरीदे जा रहे हैं।किसे कितने MPV की जरूरतCRPF काे कुल 668 MPV की जरूरत है और उसके पास फिलहाल 150 वाहन हैं।BSF को 224 MPV की जरूरत है। उसके पास अभी 30 वाहन हैं।CISF को 10 MPV की जरूरत है। उसके पास अभी एक भी वाहन नहीं है।ITBP को 40 MPV की जरूरत है। उसके पास 23 वाहन हैं।NSG को 16 MPV की जरूरत है। अभी उसके पास एक भी वाहन नहीं है।SSB को 7 MPV की जरूरत है। अभी उसके पास एक भी वाहन नहीं है।असम राइफल को 92 MPV की जरूरत है। उसके पास अभी 30 वाहन उपलब्ध है।MPV की विशेषताये वाहन टायर के नीचे भारी मात्रा में विस्फोट होने पर भी सुरक्षित रहेगा।यह पूरी तरह से बख्तरबंद वातानुकूलित वाहन है। यह हर तरह के मौसम में उपयोगी है।इसे बुलेटप्रूफ शीशे और लोहे का उपयोग कर तैयार किया गया है।इस वाहन में वॉकी-टॉकी, वायरलैस, स्पीकर सिस्टम, सर्च लाइट, इंटरनेट आदि की सुविधा से लैस किया गया है।इस वाहन में 12 लोग बैठ सकते हैं। यह दुश्मनों, आतंकियों, दंगाईयों पर नजर रखने में विशेष उपयोगी है।इस वाहन में फायरिंग कोड से हमला करने की अचूक क्षमता है।

Related posts

स्वरोजगार से आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त होगाः सीएम

NewsFollowUp Team

मप्र में अब 15 मई तक दोपहर 3:00 बजे तक ही खुल सकेंगी बैंक शाखाएं; राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के निर्देश

NewsFollowUp Team

दूसरों की प्रगति में योगदान देना ही तरक्की का मानदंड: राज्यपाल श्री पटेल

NewsFollowUp Team