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मध्यप्रदेश

ग्रामीण अंचलों में लोक परिवहन सेवा उपलब्ध कराने की मंजूरीपायलट प्रोजेक्ट के लिए विदिशा का चयनदो सिंचाई परियोजना के लिये 346.48 करोड़ रूपये स्वीकृतमुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में लोक परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रस्तावित आर.टी.सी. मॉडल को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विदिशा जिले में एक मई 2022 से 6 माह तक के लिए क्रियान्वित करने तथा मॉडल के अंतर्गत संचालित होने वाले वाहनों के लिए सम्बंधित अधिनियम एवं नियमों में शिथिलता देने का अनुमोदन दिया। मध्यप्रदेश मोटरयान नियम, 1994 के नियम 116 क के उपनियम (3) में शिथिलता प्रदान करते हुए ग्रामीण मार्ग पर 7+1 से 20+1 बैठक क्षमता के वाहनों का संचालन, ग्रामीण परिवहन सेवा के लिए संचालित वाहनों पर मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम, 1991 में देय मासिक मोटरयान कर में पूर्णत: छूट और ग्रामीण परिवहन सेवा के रूप में निरंतर 6 माह तक संचालित वाहनों के संचालकों द्वारा अर्जित किए गए रूरल ट्रांसपोर्ट क्रेडिट (आरटीसी) के विरुद्ध निर्धारित मूल्यानुसार प्रोत्साहन राशि का आगामी छमाही में वाहन संचालक को प्रदाय किया जाना शामिल है। इस सम्बन्ध में सभी कार्यवाही परिवहन विभाग द्वारा की जायेगी।सेमरिया माइक्रो सिंचाई परियोजना के लिए 158 करोड़ रूपये की स्वीकृति मंत्रि-परिषद ने रीवा जिले की सेमरिया माइक्रो सिंचाई परियोजना लागत राशि 158 करोड़ 6 लाख रूपये, सिंचाई क्षमता 9 हजार हेक्टेयर की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। परियोजना के निर्माण होने से सेमरिया तहसील के 86 ग्रामों की 9 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में भूमिगत दबावयुक्त पाइप वितरण प्रणाली सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। सामाकोटा बैराज के लिए 188 करोड़ रूपये की स्वीकृति मंत्रि-परिषद ने सामाकोटा बैराज लागत राशि 188 करोड़ 42 लाख रूपये, सिंचाई क्षमता 6 हजार हेक्टेयर रबी सिंचाई हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। परियोजना से उज्जैन जिले की तहसील महिदपुर के 15 ग्रामों को भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई दबाव (स्प्रिंकलर) पद्धति से सिंचाई लाभ प्राप्त होगा। रेत नियम मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में रेत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तात्कालिक/ अस्थाई व्यवस्था लागू किये जाने का अनुमोदन किया। ऐसे जिलों में जहाँ रेत नियम 2019 में ठेके समर्पित/निरस्त हुए हैं, वहाँ की समस्त रेत खदानों को कलेक्टर द्वारा 10 दिवस की ई-नीलामी से छोटे समूह बनाकर निर्वर्तन किया जाएगा। प्रथम बार ई-नीलामी की प्रक्रिया असफल होने पर दूसरी बार की ई-नीलामी के लिए 5 दिवस की सूचना जारी की जाएगी। जिला कलेक्टर, जिले की भौगोलिक स्थिति एवं राजस्व सीमा के आधार पर छोटे समूह बनाकर ई-नीलामी कर सकेंगे। ई-नीलामी के लिए ऐसी खदानों को वरीयता दी जायेगी, जिनमें वैधानिक स्वीकृतियाँ यथा माईनिंग प्लान/ई.सी./सी.टी.ओ. स्वीकृत है। ई-नीलामी का प्रारंभिक मूल्य संबंधित जिले की निरस्त/समर्पित ठेके की निविदा की प्रचलित दर (रूपए प्रति क्यूबिक मीटर) रखी जायेंगी। यह नीलामी 3 माह अथवा समूह के नवीन ठेकेदार द्वारा अनुबंध निष्पादन, जो भी पहले हो, के लिए की जायेगी। इसके अतिरिक्त रेत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के संबंध में तात्कालिक/अस्थाई व्यवस्था लागू किये जाने हेतु अन्य तकनीकी सुधार भी किये गये हैं।

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