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मध्यप्रदेश

मप्र का हेल्थ सिस्टम चरमराया, मुख्यमंत्री ने केंद्र का दरवाजा खटखटाया

भोपाल । मप्र में कोरोना का संक्रमण रोकने में सरकार पूरी तरह विफल हो रही है। मप्र का हेल्थ सिस्टम पूरी तरह चरमरा गया है। कोरोना से बेकाबू हालात के कारण अंतत: मप्र सरकार को केंद्र सरकार के बाद अब सेना से मदद मांगना पड़ी है। प्रदेश में एक्टिव केस 75 हजार हो गए हैं। बेड कम पडऩे के कारण अब आर्मी और केंद्रीय संस्थानों के अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज हो सकेगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की है। उधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह कहकर राज्यों की परेशानी बढ़ा दी है कि राज्य तय करें कि कोरोना नियंत्रण कैसे करेंगे। उधर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि राज्य ऑक्सीजन डिमांड नियंत्रण में रखें। मप्र में कोरोना संक्रमण नियंत्रण से बाहर होने के बाद मुख्यमंत्री ने सोमवार को सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के संबंध में फोन पर चर्चा हुई। शिवराज ने बताया कि प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश को ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर आश्वासन दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से आर्मी के अस्पतालों में कोरोना के मरीजों का इलाज करने को लेकर चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री ने आर्मी के अफसरों के साथ एक बैठक भी की है। कोरोना पर शिवराज सरकार ने सोमवार को बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 4 बड़ेे शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में 2,000 बेड के कोविड अस्पताल खोले जाएंगे। इसमें स्वयंसेवी संस्थाओं से मदद ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने इंदौर के मौजूदा अस्पतालों में भी बेड की संख्या 4,000 से बढ़ाकर 6,000 करने का निर्देश दिया है। प्रदेश सरकार ने गरीबों (बीपीएल कार्ड धारकों) को 3 महीने तक फ्री राशन देने का भी फैसला किया है।आर्मी के अस्पतालों में मिलेंगे 430 बेडमुख्यमंत्री की सोमवार को सुदर्शन कोर कमांडर अतुल्य सोलंकी व बिग्रेडियर आशुतोष शुक्ला के साथ बैठक हुई। बताया जाता है कि आर्मी के अफसरों ने भोपाल, जबलपुर, सागर व ग्वालियर में 430 बेड अस्पतालों व आइसोलेशन सेंटर दिए जाएंगे। इसमें से भोपाल में 150, जबलपुर में 100, सागर में 40 और ग्वालियर में 40 बेड की व्यवस्था की जाएगी। आर्मी के अफसरों ने मरीजों की देखभाल के लिए पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध कराने के लिए भी आश्वस्त किया।कलेक्टरों को कोविड सेंटर बनाने की छूटमुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय संस्थानों रेलवे और सुरक्षा संस्थानों सहित अन्य अस्पतालों में कोरोना मरीजों को भर्ती किया जाएगा। इसको लेकर प्रदेश के सभी कलेक्टरों को केंद्रीय संस्थानों के प्रबंधन से बात करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिले में आवश्यकता के अनुसार जितने भी कोविड केयर सेंटर खोलने की जरूरत है, तैयारी के साथ शुरू करें। सरकार की तरफ से इस काम के लिए उन्हें पूरी छूट दी जा रही है।बड़े शहरों में खुलेंगे 2 हजार बेड के अस्पतालमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बड़े महानगरों में सरकार, स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से 2 हजार बेड का अस्पताल खोलेगी। उन्होंने कहा कि इंदौर के राधा स्वामी सत्संग न्यास के 2 हजार बेड के अस्पताल जैसा प्रयोग भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर सहित अन्य बड़े शहरों में होगा। उन्होंने बताया कि इंदौर के अस्पतालों में बेडों की संख्या 2 हजार से बढ़ाकर 6 हजार करने के निर्देश दिए हैं।मप्र में 24 घंटे में 12,897 नए केस, 79 मौतेंप्रदेश में 24 घंटे में कोरोना के 12,897 नए केस आए हैं, जबकि रिकॉर्ड 79 मौतें हुई हैं। राजधानी भोपाल में रविवार को सबसे ज्यादा 1,703 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 5 संक्रमितों की मौत हो गई। जबलपुर में एक मरीज 4 घंटे तक बेड का इंतजार करता रहा, उसने अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया। पूरे प्रदेश की बात करें तो 24 घंटे में 4 बड़े शहरों में 5,435 नए केस आए। इंदौर में 1,698, जबलपुर में 877 और ग्वालियर में 1,157 नए मरीज मिले। प्रदेश में सबसे ज्यादा 9 मौतें ग्वालियर में हुईं। यहां पॉजिटिविटी रेट भी 43 प्रतिशत को पार कर गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों से कोविड प्रोटकॉल का पालन करने और 30 अप्रैल तक घरों में ही रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मास्क कफन से छोटा होता है। इसे पहनिए।संक्रमण दर 22.8 फीसदी पहुंचीदरअसल प्रदेश में संक्रमण दर 22.8 फीसदी तक पहुंच गई है। कोरोना संक्रमित का आंकड़ा बढ़कर चार लाख को पार कर गया है। ऐसे में सरकार, रेलवे के बाद आर्मी की भी मदद लेने की तैयारी में है। भोपाल समेत प्रदेश के लगभग सभी जिलों में आर्मी के अस्पताल हैं। अगर यह कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए खोले जाते हैं तो निश्चित तौर पर सरकार पर बढ़ रहे दबाव में कमी आएगी।

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