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मध्यप्रदेश

किसानों को अक्टूबर में मिल सकती है पिछले साल के फसल बीमा की राशि

राजस्व व कृषि विभाग नुकसान की जानकारी का कर रहे मिलानबीमा कंपनियों को जल्द भेजी जाएगी रिपोर्टभोपाल । प्रदेश में पिछले साल अतिवर्षा से क्षतिग्रस्त हुई सोयाबीन, अरहर सहित अन्य फसलों के बीमा की राशि किसानों को अक्टूबर में मिलने की संभावना है। कृषि विभाग ने किसानों के प्रकरण बीमा कंपनियों को भेज दिए हैं। अब राजस्व विभाग के साथ फसल नुकसान की जानकारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके आधार पर बीमा कंपनियां फसल बीमा के प्रकरणों को अंतिम रूप देकर बीमा का भुगतान करेंगी। इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारी बीमा कंपनियों के अधिकारियों के साथ भी लगातार बैठकें कर रहे हैं।आयुक्त भू-अभिलेख ज्ञानेश्वर पाटिल ने बताया कि डाटा इंट्री में जो त्रुटियां थीं, उनका कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर परीक्षण किया जा रहा है। इसे जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उधर, कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस माह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और फिर बीमा कंपनियां प्रकरणों को अंतिम रूप दे देंगी। गौरतलब है कि खरीफ सीजन 2020 में 43 लाख किसानों ने फसल बीमा कराया था, जो कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सर्वाधिक था।सोयाबीन में अफलन, प्याज में जलेबी रोगप्रदेश में कहीं ज्यादा बरसात हो रही है तो कहीं एकदम कम हो रही है। इससे और अन्य कारणों से कई जिलों में सोयाबीन सहित अन्य खरीफ फसलों में अफलन की स्थिति है। असमान बारिश से संतरे भी पेड़ों से टूटकर गिर रहे हैं तो प्याज की फसल में जलेबी रोग लग गया है। रतलाम जिले में सोयाबीन में अफलन की स्थिति को लेकर कृषि विभाग ने फसल का नजरी सर्वे किया। 24773 हेक्टेयर में सोयाबीन में अफलन की स्थिति बनी है। मंदसौर जिले की गरोठ तहसील के ग्राम ढलमू सहित सैकड़ों गांवों के किसान परेशान हैं। किसान ईश्वरलाल पाटीदार, भवानीराम पाटीदार ढलमू ने बताया कि 2019 में अतिवृष्टि व 2020 में अल्पवर्षा के कारण खरीफ फसलें लगभग नष्ट हो गई थी या उत्पादन नहीं के बराबर हुआ था। वर्ष 2021 में भी कमोबेश यही स्थिति बनी हैं। जिले में लगभग 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में संतरा, 2.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन व पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की बोवनी हुई थी। इनमें से संतरे व प्याज पर असमान वर्षा का कुछ ज्यादा ही असर हुआ है। उद्यानिकी विभाग के उद्यान प्रभारी सुरेंद्रसिंह धाकड़ ने बताया कि संतरे व प्याज की फसल में रोग की शिकायत मिली है। इसमें प्याज की फसल पर सभी तरह की दवा छिड़कवा दी है, पर यह ठीक नहीं हो रहा है। इसमें जलेबी को सभी रोगों का मिश्रण कह सकते हैं। इसमें प्याज की पत्तियां जलेबी की तरह मुड़कर सूखने लगती हैं।बड़वानी जिले में असमान हो रही बारिश से नुकसान है। भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष मंसाराम पंचोले ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में कम बारिश होने से मक्का की फसल पर इल्ली का प्रकोप हो रहा है। बुरहानपुर जिले में अतिवृष्टि से कपास व सोयाबीन की फसल पर प्रभाव पड़ रहा है। कपास के पौधे पर सडऩ व अन्य बीमारी प्रभाव छोड़ रही है वहीं केला फसल पर सीएमवी वायरस का अटैक होने से नुकसान हो रहा है।खंडवा में भारतीय किसान संघ द्वारा किसानों की प्रभावित फसलों को लेकर मुआवजे की मांग उठाई जा रही है। शुक्रवार को खंडवा, खालवा और पंधाना के ग्रामीणों ने उद्यानिकी विभाग में ज्ञापन सौंपकर प्याज की नुकसानी का सर्वे कराने की मांग उठाई है। खरगोन जिले में पर्याप्त बारिश नहीं होने से कपास और सोयाबीन के साथ ही मिर्च भी फसल प्रभावित हुई।

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