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इकोनॉमिक ग्रोथ को सितंबर में भी मिला एग्री सेक्टर का सपोर्ट, अप्रैल से जुलाई तक FDI में आया सालाना 62% का उछाल

वित्त मंत्रालय ने सितंबर की आर्थिक समीक्षा की रिपोर्ट आज जारी की है। उसके मुताबिक, पिछले महीने देश की आर्थिक वृद्धि दर में खासा इजाफा हुआ है। इसको टीकाकरण में तेजी के बीच कोविड की दूसरी लहर कमजोर पड़ने का फायदा मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक, रबी मार्केटिंग सीजन में गेहूं और धान की रिकॉर्ड खरीदारी और खरीफ की पैदावार में संभावित बढ़ोतरी से गांवों में मांग बढ़ी है।चार महीनों में 2020 से दो तिहाई ज्यादा FDIरिपोर्ट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में सालाना आधार पर तेज उछाल आने की भी बात कही गई है। जहां तक इस वित्त वर्ष के पहले चार महीनों यानी अप्रैल से जुलाई की बात है तो इस दौरान देश में 2,737 करोड़ डॉलर (लगभग 2,05,867 करोड़ रुपए) का विदेशी निवेश आया है। यह FDI कोविड से बुरी तरह प्रभावित पिछले साल के मुकाबले 62% यानी दो तिहाई ज्यादा है।पूंजी बाजार में 22,565 करोड़ का विदेशी निवेशआर्थिक समीक्षा की रिपोर्ट के मुताबिक, इकोनॉमिक रिकवरी की रफ्तार ठीक-ठाक रहने से घरेलू शेयर बाजारों को भी मजबूती मिली है। सितंबर में भारतीय पूंजी बाजार में फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट (FPI) का निवेश बढ़कर लगभग 300 करोड़ डॉलर (22,565 करोड़ रुपए) रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने उभरते देशों में भारत के शेयर और बॉन्ड बाजारों में FPI का निवेश सबसे ज्यादा रहा है।अप्रैल से सितंबर तक 54,155 करोड़ रुपए का FPIअगर इस वित्त वर्ष यानी इस साल अप्रैल से सितंबर अंत तक के आंकड़े देखें तो ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा विदेशी निवेश यहां के पूंजी बाजार में आया है। रिव्यू के मुताबिक इस वित्त वर्ष में अब तक यहां के शेयर और बॉन्ड बाजारों में लगभग 720 करोड़ डॉलर (54,155 करोड़ रुपए) का FPI निवेश हुआ है। FPI ने ब्राजील के बाजारों में अप्रैल से सितंबर की अवधि में लगभग 900 करोड़ डॉलर (67,695 करोड़ रुपए) का निवेश किया है।कृषि क्षेत्र की ज्यादा वृद्धि दर से गावों में खपत बढ़ी वित्त मंत्रालय के मुताबिक हर महीने जारी होनेवाले हाई फ्रिक्वेंसी इंडिकेटर्स (आर्थिक रिपोर्ट्स और इंडेक्स) के मुताबिक, आर्थिक वृद्धि दर में चौतरफा इजाफा हो रहा है यानी इसके संकेत कमोबेश हर सेक्टर में दिख रहे हैं। मंत्रालय का कहना है कि सितंबर में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर में इजाफा होने से ग्रामीण इलाकों में खपत बढ़ी है। जानकारों के मुताबिक एग्री इकोनॉमी में आ रहे सुधार से FMCG से लेकर ऑटोमोबाइल सेक्टर तक को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है

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