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केरल में भारी बारिश से मचा हाहाकार, बारिश के चलते कई पुल टूटे लोगों से टूटा संपर्क , 26 लोगों की मौत

तिरुवनंतपुरम, केरल में भारी बारिश की वजह से हाहाकार मचा हुआ है. राज्य के कई जिलों में हो रही लगातार बारिश के चलते कई पुल टूट गए, जिससे लोगों का संपर्क टूट गया. साथ ही लैंडस्लाइड्स में कम से कम तीन घर भी बह गए. केरल में बारिश और उसके बाद बने बाढ़ जैसे हालात के चलते 26 लोगों की मौत हो गई है.दक्षिण और सेंट्रल केरल बारिश की वजह से काफी ज्यादा प्रभावित हुए हैं. कोट्टायम और इडुक्की में हाल के सालों की तुलना में इस बार सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है और दोनों जिले बारिश की वजह से पानी-पानी हो गए हैं. राज्य के कोट्टायम जिले में 13 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है, जबकि इडुक्की जिले से नौ शवों को बरामद किया गया है. अलापुरा जिले में 4 लोगों की मौत हुई है. सेंट्रल और दक्षिणी केरल में बाढ़ से उसी तरह के हालात हैं, जैसे साल 2018 और 2019 में केरल में आई बाढ़ के बाद हालात बने थे. हालांकि, प्रशासन का कहना है कि सबकुछ कंट्रोल में है और परेशान होने की जरूरत नहीं है.

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने स्थिति को गंभीर बताया और कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अरब सागर के ऊपर बने कम दबाव प्रणाली के कारण राज्य में भारी बारिश की चेतावनी दी है. आईएमडी ने शनिवार को बताया था कि तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, कोट्टायम, पठानमथिट्टा, अलाप्पुझा और एर्नाकुलम जिलों में 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने और बिजली चमकने के साथ गरज के साथ बौछारें पड़ेंगी.नदियां उफान पर, डैम क्षमता के करीब पहुंचेअधिकारियों ने बताया कि मीनाचल और मनीमाला नदियां उफान पर हैं और जलस्तर 40 फीट से ज्यादा बढ़ गया है. कई जिलों में बांध पूरी क्षमता के करीब पहुंच गए हैं. राज्य के पहाड़ी इलाकों में कई छोटे कस्बे और गांव बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटे हुए हैं.सेना, एनडीआरएफ, पुलिस और दमकल बल ने स्थानीय लोगों के साथ रविवार सुबह कूटिकल और कोक्कयार पंचायतों में बचाव अभियान शुरू किया, जहां एक दर्जन से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं. आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एमआई-17 और सारंग हेलीकॉप्टर पहले से ही स्टैंडबाय मोड में हैं, लेकिन कोट्टायम में खराब मौसम के कारण वे राहत बचाव अभियान शुरू नहीं कर सके. हेलीकॉप्टर अब तिरुवनंतपुरम के लिए रवाना हो गए हैं.शनिवार सुबह अचानक बढ़ा पानी‘आजतक’ से बातचीत करते हुए स्थानीय लोगों ने उस मंजर को याद करते हुए कहा कि शनिवार की सुबह पानी अचानक तेजी से बढ़ने लगा और नदी का पानी उठते हुए सड़कों से ऊपर आसपास के घरों में 12 फीट की ऊंचाई तक पहुंच गया. स्थानीय निवासी राजशेखर ने बताया कि पानी पहली मंजिल तक पहुंच गया, जिसके बाद डर के मारे हम सब ऊपर चले गए और 4 घंटे तक ऐसा ही डरावना मंजर था. जिस इलाके में जानमाल का नुकसान हुआ वहां निचले इलाके में रहने वाले लोगों को सुरक्षित इलाकों में भेज दिया गया है या आसपास के बने सरकारी स्कूलों में शरण दी गई है.नदी के पानी में बह गए कई पुलबड़ी-बड़े दरख़्त नदी में तिनके की तरह आए. बड़े-बड़े पहाड़ चट्टान ऐसे खिसके कि सब कुछ जमींदोज कर गए. कोट्टायम के रहने वाले वी जोसेफ कहते हैं कि आसपास के बहुत सारे पुल नदी के पानी से बह गए जिसके चलते बड़ी संख्या में गांव वाले एक दूसरे से अलग हो गए हैं.मनीमाला नदी इडुक्की और कोट्टायम जिले को एक दूसरे से जोड़ती है, लेकिन शनिवार को आए सैलाब ने दोनों जिलों को एक-दूसरे से दूर कर दिया. दोनों के बीच बने कई पुल तबाह हो गए. सिर्फ नदी का सैलाब नहीं, बल्कि पहाड़ों पर भी जमकर तबाही हुई. इडुक्की के एक छोटे से गांव में पूरा का पूरा पहाड़ नीचे खिसक गया, जिसके नीचे आने से दुकान-मकान सबकुछ समतल हो गए. बड़ी संख्या में राहत बचाव कार्य चलाया जा रहा है

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