संजय सिंह के घर पर ईडी की रेड पड़ी है। दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की 17 नवंबर 2021सेआदमी पार्टी के लिए मुसीबत बने संजय सिंह और मनीष सिसोदिया। अभी जेल में बंद मनीष सिसोदिया है।
दिल्ली शराब घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों ही जांच कर रही हैं।वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। कोर्ट ने 15 सितंबर को दोनों पक्षों के वकीलों के संयुक्त अनुरोध के बाद जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी। सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 इसी साल को गिरफ्तार किया गया था। अभिषेक मनु सिंघवी सिसोदिया के वकील है। सिसोदिया की पत्नी के लिए कोर्ट सेजमानत की मांग कर रहे हैं।साल 2021-22 की नई शराब नीति लागू होने के बाद कई गड़बड़ियों की शिकायतें मिली थीँ।
सीबीआई से शराब घोटाले की जांच कराने का आदेश एलजी विनय कुमार सक्सेना को एक लेटर भेजा गया। जिसमें गड़बड़ियों का जिक्र था। इसके बादनई शराब नीति की जांच शुरू हो गई।पहली बार मनीष सिसोदिया का नामपहली चार्जशीट आरोपी के तौर पर सामने आया। इसमें तीन व्यक्तियों राघव मगुंटा, राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा के अलावा उनसे जुड़ी पांच कंपनियों को आरोपी बनाया गया है। दूसरी चार्जशीट में ईडी ने 12 आरोपी बनाए चार्जशीट में 12 अभियुक्तों के नाम शामिल थे। विजय नायर, शरथ रेड्डी, बिनॉय बाबू, अभिषेक बोइनपल्ली, अमित अरोड़ा और 7 कंपनियों के नाम थे। अभी भी जांच जारी है।17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की।32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं।
सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई।आरोप है कि दिल्ली सरकार ने जानबूझकर बड़े शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाइसेंस शुल्क बढ़ाया। इससे छोटे ठेकेदारों की दुकानें बंद हो गईं और बाजार में केवल बड़े शराब माफियाओं को लाइसेंस मिला। विपक्ष का आरोप ये भी है कि इसके एवज में आप के नेताओं और अफसरों को शराब माफियाओं ने मोटी रकम घूस के तौर पर दी।