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मध्यप्रदेश

मासूमों की मौत के बाद जागी m.p सरकार

भोपाल । हमीदिया कैंपस में बने कमला नेहरू हॉस्पिटल में आग में मासूमों की मौत के बाद सरकार जागी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की बैठक में कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों का फायर सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा। शिवराज ने कहा कि अस्पतालों में कुछ व्यवस्था में बदलाव किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत गंभीर घटना है। यह आपराधिक लापरवाही है। जांच के निर्देश दे दिए गए हैं, जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।गौरतलब है की कमला नेहरू अस्पताल में लगी आग ले फायर सेफ्टी सिस्टम की पोल खोल दी है। बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर मिलाकर 8 मंजिल के इस हॉस्पिटल में आग से बचाव के कोई इंतजाम नहीं थे। यहां तक कि ऑटोमेटिक हाइड्रेंट भी खराब पड़ा था। हैरत की बात ये है कि करीब 6 महीने पहले ही नगर निगम ने अस्पताल और बड़ी इमारतों का ऑडिट करवाया था, जो सिर्फ कागजों में ही हुआ था।ऑडिट के नियम कागजों मेंकमला नेहरू हॉस्पिटल में 15 साल से एनओसी नहीं ली गई थी। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, भोपाल की 70 प्रतिशत अस्पताल और इमारतों के यही हाल है। निगम अफसरों का कहना है कि ऑडिट रिपोर्ट प्राइवेट एजेंसी देती है। इसी रिपोर्ट को सुरक्षा के लिहाज से ठीक मान लिया जाता है, लेकिन रिपोर्ट देने के बाद अमला मौके पर जाकर हकीकत नहीं देखता। यही कारण है कि कई अस्पताल और इमारतों की गलत रिपोर्ट भी बनाकर दे जाती है। लिफ्ट के मामले में भी यहीभोपाल नगर निगम की बात करें, तो प्रत्येक अस्पताल-इमारत की जांच के लिए फायर एक्सपर्ट और लिफ्ट इंजीनियर नहीं हैं। वहीं, अस्पतालों में बिजली का लोड रोकने फायर ऑडिट नहीं भी नहीं हो पाया है। इस कारण भोपाल में 70त्न अस्पताल-इमारत बिना लिफ्ट सेफ्टी के चल रही है। यही स्थिति फायर सेफ्टी को लेकर भी है।

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