News Follow Up
व्यापार

7000 करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर रतन टाटा और गौतम अडानी में छिड़ी जंग

एनर्जी प्रोजेक्ट को लेकर टाटा ग्रुप और अडानी ग्रुप दोनों आमने-सामने हैं। टाटा पावर और अडानी पावर में 7000 करोड़ के महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन प्रोजेक्ट यानी एमईआरसी पर जंग छिड़ गई है। अपीलेट ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी ने टाटा पावर द्वारा दायर एक याचिका को खारिज करते हुए अडानी पावर को नामांकन के आधार पर 7,000 करोड़ रुपये का ट्रांसमिशन अनुबंध देने के महाराष्ट्र बिजली नियामक के फैसले को बरकरार रखा है। आप्टेल ने अपने आदेश में कहा, “हम अपीलकर्ता के तर्कों में कोई दम नहीं पाते हैं और इस प्रकार, विषय परियोजना के संबंध में महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन यानी एमईआरसी द्वारा किए गए आरटीएम मार्ग की पसंद पर आपत्तियों को खारिज करते हैं।” रेग्युलेटर ने अडानी पावर को यह कॉन्ट्रैक्ट देने का फैसला नॉमिनेशन बेसिस पर लिया है। माना जा रहा है कि टाटा पावर इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। इस मामले को लेकर टाटा और अडानी दोनों की कंपनियों के कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। साल 2021 में महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन ने बिना बोली मंगाए ही ट्रांसमिशन कॉन्ट्रैक्ट को AEMIL को दे दिया। AEMIL का गठन ट्रांसमिशन सिस्टम के लिए ही किया गया था। हालांकि, टाटा पावर ने वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन का कॉन्ट्रैक्ट अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई इन्फ्रा को दिए जाने का विरोध कर रही है। टाटा पावर इस मामले की शिकायत आप्टेल ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी में की है। कंपनी का कहना है कि बिना बोली मंगवाए कैसे अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई इन्फ्रा को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया। टाटा पावर ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के सेक्शन 63 और नेशनल टैरिफ पॉलिसी के तहत 1000 मेगावाट का यह हाई वोल्टेज डायरेक्ट करेंट कॉन्ट्रैक्ट पारदर्शी तरीके से ओपन बिडिंग के तहत दिया जाना चाहिए था।

Related posts

सोने-चांदी के दामों में दर्ज की गई मामूली बढ़त, जानें क्या हैं आज के रेट

NewsFollowUp Team

निर्मला सीतारमण ने नए आयकर पोर्टल के कामकाज को लेकर की समीक्षा बैठक, खामियों को प्राथमिकता से दूर करने को कहा

NewsFollowUp Team

1 जुलाई से इस बैंक का बदल जाएगा IFSC कोड, बेकार हो जाएगी चेकबुक, जानिए आपके खाते पर क्या होगा असर

NewsFollowUp Team