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मोदी के मौन संदेश में सत्ता के लिए दिशा निर्देश, रैली में स्वस्फूर्त उपस्थिति के कारण भीड़ के सारे आकलन विफल

मुख्यमंत्री के रूप में विष्णुदेव साय का शपथ ग्रहण समारोह भले ही औपचारिक आयोजन रहा मगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपना संदेश जन-जन तक पहुंचाने में सफल रहे। इशारों से अभिवादन करने के बाद व्यवहार में उन्होंने जो विनम्रता दिखाई वह सहज रूप से जनता तक पहुंच गई।

इसे प्रदेश की सरकार के व्यवहार के लिए दिशानिर्देश भी समझा जा सकता है। पूरा आयोजन मोदी-मोदी के नारे से गूंजता रहा।उपस्थिति को स्वस्फूर्त बताना ही सही रहेगा। किसी रैली में रायपुरवासियों की ऐसी भागीदारी पहली बार थी। राजधानीवासियों ने ऐसी भीड़ कभी नहीं देखी यह उनके चेहरे देखकर समझ आ रहा था।

जशपुर और बिलासपुर से लेकर बस्तर तक की जनता उमड़ पड़ी है। मोदी की उपस्थिति में जनता ने सबकी भागीदारी का यह संदेश दिया। बिना किसी भाषण के संपन्न पूरे आयोजन में नरेन्द्र मोदी ने सिर्फ एक व्यक्ति से हाथ मिलाया। मंच पर उपस्थित अन्य सभी को विनम्रतापूर्वक नमस्कार करते रहे प्रधानमंत्री ने स्वयं आगे बढ़कर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ हाथ बढ़ाया।

दाईं तरफ संतों के लिए विशेष मंच

यह सबको साथ लेकर चलने का संदेश था। फिर दाएं हाथ से बघेल के बाएं कंधे पर थपकी देते हुए प्रधानमंत्री नवनिर्वाचित विधायकों का अभिवादन करने बढ़ गए। दाईं तरफ संतों के लिए स्थापित विशेष मंच की ओर बढ़कर प्रधानमंत्री ने जिस तरह झुकते हुए प्रणाम किया वह मन में आदर और सत्कार का भाव होने पर ही कोई कर सकता है। भीड़ का आकलन साइंस कालेज मैदान में बैठने और खड़े होने की क्षमता से नहीं लगाया जा सकता। जितने लोग पंडाल में थे उससे कई गुना लोग टाटीबंद चौक से घड़ी चौक तक की लगभग 10 किलोमीटर लंबी सड़क पर थे। यह रैली नहीं, रेला था। धक्कम-धक्का था। खड़े हो जाओ तो धक्के खाते हुए पैर खुद बढ़ते चले जाएं।

मंच के बाएं हिस्से में नवनिर्वाचित विधायकों को स्थान दिया गया

प्रधानमंत्री पर नजर गड़ाए लोगों को कार्यकर्ता वाला उनका रूप भी देखने को मिला। मंच पर पहुंचते ही राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन को जिस आदर भाव से बीच की कुर्सी पर बैठाया वह देखकर हर कोई गदगद हुआ कि हमारे प्रधानमंत्री सेवाभावी हैं। इसलिए उनके आगे रखी टेबल को स्वयं ही हटाने लगे। सुरक्षा में तैनात जवान तेजी से आगे बढ़े और काम पूरा किया। बमुश्किल 10 मिनट चले कार्यक्रम में मंच पर दाईं तरफ गृह मंत्री अमित शाह के साथ सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, छत्तीसगढ़ के चुनाव प्रभारी ओम माथुर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो. मानिक साहा बैठे थे तो मंच के बाएं हिस्से में नवनिर्वाचित विधायकों को स्थान दिया गया।

मंच के बीच के हिस्से में प्रधानमंत्री और राज्यपाल के साथ पहली पंक्ति में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, दोनों पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और डा. रमन सिंह विराजमान रहे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा दूसरी पंक्ति में होते हुए भी ऐसे स्थान पर थे कि किसी भी कैमरे की फ्रेम से बाहर नहीं हो सके। अपनी कार्य नीति और प्रवृत्ति के कारण ख्यात यह दोनों चेहरे जनता की आंखों के सामने लगातार बने रहे। रैली से लौटती जनता में यही बातें चर्चा में रहीं।

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