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मध्यप्रदेश

थोक में इंजेक्शन जुटा कर राज्य सरकार को तनाव मुक्त कर दिया इंदौर कमिश्नर ने

इंदौर। ब्लेक फंगस के मरीजों को अब जरूरी इंजेक्शन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।इंदौर कमिश्नर डॉ पवन शर्मा और एकेवीएन के एमडी रोहन सक्सेना द्वारा सतत दस दिन से किए जा रहे प्रयासों को मिली सफलता का नतीजा है कि बद्दी (हिमाचल प्रदेश) स्थित एफी फार्मा कंपनी से हुए करार के बाद 25 हजार इंजेक्शन की खेप मिल रही है। इसमें से 12240 की पहली खेप मिलने के बाद इंदौर के मरीजों के लिए 7200 इंजेक्शन रखने के साथ बचे इंजेक्शन भोपाल, उज्जैन, जबलपुर आदि शहरों को आयुक्त हेलथ आकाश त्रिपाठी ने भिजवा दिए हैं।दूसरी खेप में इतने ही इंजेक्शन और मिल जाएंगे अगले तीन दिन में। कहां तो दो दिन पहले तक राज्य सरकार इंदौर सहित अन्य शहरों को ब्लेक फंगस उपचार वाले इंजेक्शन आवंटित कर रही थी और अब इंदौर कमिश्नर की सजगता से मप्र के विभिन्न शहरों को इंजेक्शन कोटा आवंटित किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी स्थित दवाई निर्माता कंपनी एफी फार्मा से हुए करार का भी रोचक प्रसंग है।बद्दी स्थित इस फार्मा कंपनी को मई के अंतिम सप्ताह में बलेक फंगस मरीजों के लिए उपयोगी एंफोटेरेसिन बी उत्पादन का लायसेंस मिला था। बद्दी की फार्मा कंपनियों से दवाई कारोबार करने वाले स्थानीय फार्मासिस्ट ने प्रशासन को इसकी जानकारी दी। रोहन सक्सेना ने बद्दी स्थित उक्त कंपनी के मार्केटिंग और प्रॉडक्शन करने वाली टीम से फोन पर चर्चा की तो जानकारी मिली की पहला बैच 80 हजार का बनाया जाएगा। कंपनी को मिले लायसेंस की कॉपी मंगवाई, ड्रग इंस्पेक्टरों ने उसकी सत्यता परखी।बनाए जाने वाले इंजेक्शन के कंपोजिशन की जानकारी के लिए डीन एमजीएम मेडिकल कॉलेज, एचओडी मेडिसिन के साथ ही चोईथराम, अपोलो, मेदांता, अरविंदो आदि प्रमुख निजी अस्पतालों के एचओडी मेडिसिन की बैठक बुलाई। इन सभी डॉक्टरों ने भी कंपोजिशन को उपयुक्त बताया।हर बैठक में मौजूद रहे कमिश्नर डॉ पवन शर्मा ने भी अपने स्तर पर फार्मा कंपनी की जानकारी एकत्र की।रोहन सक्सेना भी इस बीच दो ड्रग इंस्पेक्टर योगेश गुप्ता और शोभित तिवारी को फार्मा कंपनी का मौका मुआयना करने के लिए बद्दी भेज चुके थे।यहां ड्रग इंसपेक्टर अल्केश यादव इन दोनों से संपर्क में थे।इसके साथ ही अधिकारी वीडियो कॉलिंग आदि भी करते रहे। यह सारी सतर्कता-गोपनीयता इसलिए भी बरती गई क्योंकि दो सप्ताह पहले ही बद्दी की एक फार्मा कंपनी से 400 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ इंदौर पुलिस ने एक डॉक्टर सरवर खान को हिरासत में लिया था।इस बीच उक्त फार्मा कंपनी को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली सरकारों से भी कुल 5लाख इंजेक्शन के आर्डर मिल चुके थे।सब तरफ से ओके रिपोर्ट मिलने के बाद जब इंदौर के लिए 25 हजार इंजेक्शन का आर्डर दिया तो फार्मा कंपनी ने राशि एडवांस देने की शर्त इसलिए भी रख दी कि कहीं बाद में ऑर्डर ही कैंसिल ना कर दे।करीब 300रु कीमत के मान से इंदौर प्रशासन ने 75 लाख की राशि एडवांस जमा करा दी।इंजेक्शन का पहला लॉट तैयार हुआ तो एफी फार्मा ने अन्य राज्यों के आर्डर का हवाला देते हुए 25 हजार इंजेक्शनों की एक साथ डिलेवरी में असमर्थता दिखाई, चूंकि पूरी राशि एडवांस मिल चुकी थी इसलिए कंपनी द्वारा उत्पादित पहले लॉट में पहली खेप 12240 की इंदौ

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