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क्राइममध्यप्रदेश

गैंगमैन पिता से सीखा पटरी पर सिक्का रखकर रेड सिग्नल करना; दो बोगियों के बीच 8 इंच के गैप में से घुसकर करते थे लूट

/इंदौर रेलवे ट्रैक पर सिक्काop[]78 रखकर सिग्नल रेड करके लूट करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह को पकड़ने के बाद,m इंदौर पुलिस ने आरोपिययों से घटना का रिक्रिएशन कराया। आरोपियों की ट्रेन रोकने की तकनीक को देखकर अफसर भी दंग रह गए। पुलिस और रेलवे के तकनीकी अफसर बदमाशों को मक्सी स्थित ट्रैक पर ले गए और इसका वीडियो भी बनाया। आरोपियों ने जैसे ही पटरी पर एक रुपए का सिक्का रखा, सिग्नल रेड हो गया। इसी तरह ट्रेन रोककर आरोपी 15 मिनट में लूट की वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते थे।

करीब 15 दिन पहले आधी रात को एक्सप्रेस ट्रेन में चोरी और लूट करने वाले गिरोह का इंदौर GRP ने पर्दाफाश किया था। पुलिस ने चार लोगों को हरियाणा पुलिस की मदद से पकड़ा था। आरोपी गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान की लंबी दूरी ट्रेनों में लूट करते थे। इनके पास से आधा किलो सोना और लूट का अन्य सामान मिला। पूछताछ में पता चला कि आरोपी सिक्के की मदद से ट्रेन को रोककर वारदात करते थे।

गुजरात पुलिस की रिमांड खत्म होते ही आरोपियों को उज्जैन लाया गया। जहां से गुरुवार दोपहर उन्हें मक्सी रेलवे स्टेशन से दूर रेलवे ट्रैक पर ले जाया गया। यहां दो आरोपियों से वारदात के तरीके का रिक्रिएशन करवाया गया। यहां एक आरोपी ने ट्रैक पर एक रुपए का सिक्का रखा। इसके बाद सिग्नल रेड हो गया। मौके पर GRP ASP राकेश खाका और विभाग की तकनीकी टीम भी मौजूद थी। वे यह दृश्य देखकर दंग रह गए

लंबी दूरी की गाड़ियों को बनाते थे निशाना

GRP ASP राकेश खाका के अनुसार- आरोपी लंबी दूरी और दक्षिण भारत की ओर चलने वाली ट्रेनों को ही निशाना बनाते थे। हर रेलवे क्रॉसिंग पर रेल के पटरी पर सिक्का डालने से सिग्नल RED हो जाता है। हाईवे के समीप जहां रेलवे क्रॉसिंग पर गार्ड या कर्मचारी नहीं होता। बदमाश वहां ट्रेन आने से पहले पहुंच जाते थे। इसके बाद सिग्नल रेड कर गाड़ी में चढ़ जाते थे। जब तक सिग्नल ग्रीन होता, उससे पहले वारदात कर भाग जाते थे। खाका के अनुसार, आरोपी राहुल वाल्मीकि, सोनी वाल्मीकि, छोटू उर्फ सुखबीर और दीपक हैं। इनका एक साथी फरार है।

ऐसे करते थे वारदात

बदमाशों ने बताया कि हर रेलवे क्रॉसिंग पर पटरी के बीच बैरिकेड्स होता है। यहां 2 रुपए का सिक्का रखते ही सिग्नल 15 मिनट के लिए रेड हो जाता है। ट्रेन आने से पहले बदमाश कार से पहुंच जाते थे। दीपक कार लेकर दूर खड़ा रहता। बाकी चार आरोपी सिग्नल के पास रहते। रेड सिग्नल देख जैसे ही ड्राइवर ट्रेन रोकता तो एसी की दो बोगियों के बीच में 8 इंच के गैप से पतला-दुबला साथी पहले घुसता था। वह अंदर जाकर दरवाजा खोलता। फिर सभी साथी अंदर चले जाते। राहुल हर सोते यात्री पर मोबाइल की टॉर्च मारता। जैसे ही, देखते की महिला अकेली सो रही है तो उसे चाकू दिखाकर लूट लेते। दस मिनट में माल लूटकर भाग जाते।

गैंगमैन पिता से सीखा सिग्नल रेड करना

राहुल ने कहा कि उसके पिता गैंगमैन हैं। उनके साथ पटरियों पर जाते वक्त यह तरीका सीखा था। हर स्टेशन के पहले ट्रैक पर एक सर्किट होता है, जिसे ट्रैक सर्किट कहते हैं। जब ट्रेन पटरी से गुजरती है, तो अपने आप स्टेशन पर लगा सिग्नल ग्रीन हो जाता है। जब सर्किट में फॉल्ट होगा, तो यह सिग्नल रेड हो जाएगा। गैंग के साथी ने अपने पिता से क्राॅसिंग पाइंट में सिक्का रख कर रेड सिग्नल करना सीखा।

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