भोपाल । हड़ताल पर चल रहे पटवारियों के खिलाफ शासन बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। हड़ताल के दिनों का वेतन कटेगा और गैर हाजिर मानकर बर्खास्तगी भी की जा सकती है। बाढ़ ग्रस्त वाले जिलों में हड़ताल पर चल रहे पटवारियों को नोटिस मिलना भी शुरू हो गए हैं। मप्र पटवारी संघ के नेतृत्व में बीते 15 दिन से प्रदेश के 19 हजार पटवारी हड़ताल पर हैं। इनकी मांग है कि 2800 का ग्रेड पे, मूल जिले में पदस्थापना सहित अन्य सुविधाएं दी जाएं। हड़ताल के कारण नामांतरण, जमीन बटांकन, सीमांकन और बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे कार्य, राहत सामग्री वितरण, जाति प्रमाण पत्र आदि कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं।पटवारियों ने भरोसा दिया था कि जिन जिलों में बाढ़ राहत सामग्री वितरण, नुकसान का सर्वे आदि कार्य चल रहे हैं, वहां पटवारियों को हड़ताल से मुक्त रखा जाएगा, लेकिन श्योपुर, शिवपुरी, भिंड, मुरैना, दतिया आदि जिलों में भी पटवारियों ने काम करना बंद कर दिया। इन जिलों के कलेक्टरों ने इस मामले की शिकायत लैंड रिकॉर्ड कमिश्नर से लेकर राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव तक से की है। लैंड रिकॉर्ड विभाग अब ऐसे पटवारियों की सूची तैयार कर रहा है जो कई बार समझाइश के बाद भी काम पर नहीं लौट रहे हैं।आधा काम करने वाले पटवारी भी हड़ताल पर माने जाएंगेशासन के सख्त तेवर देख पटवारियों ने अपने-अपने जिलों में कलेक्टरों को बोला है कि वे आधे दिन काम कर लेंगे, आधे दिन हड़ताल पर रहेंगे। लेकिन शासन ने पटवारियों से स्पष्ट कर दिया है कि आधे दिन या आधा काम करना भी हड़ताल ही माना जाएगा। बिना शर्त हड़ताल से पटवारी वापस लौटें।इनका कहना हैहड़ताल के बाद भी हम लोगों ने पटवारियों को समझाया है कि शासन उनकी मांगों की पूर्ति जरूर करेगा, लेकिन थोड़ा समय लगेगा तो वे लोग संयम बरतें और हड़ताल खत्म करें। लोग नहीं मान रहे हैं तो ऐसे में हमें इनके खिलाफ सख्त एक्शन लेना पड़ सकता है। वेतन तो हड़ताल के दिनों का कटेगा ही लगातार अनुपस्थित रहते हैं तो उनकी सर्विस ब्रेक भी हो सकती है।-ज्ञानेश्वर बी.पाटिल, कमिश्नर, लैंड रिकॉर्ड