भोपाल । मध्यप्रदेश में आदिवासियों वोट बैंक को साधने के लिए सियासत जोरों पर है। गुरुवार को कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर आदिवासियों को झूठे प्रलोभन दिखाकर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया।साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में रानी कमलापति का गिन्नौरगढ़ महल खंडहर हो रहा है। बता दें कि विधानसभा सत्र में महल का मुद्दे को लेकर रिपोर्ट रखने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर 5 सदस्यीय कमेटी सज्जन सिंह वर्मा, औंकार मरकाम, हीरालाल अलावा, पांचीलाल मेणा, बलवीर तोमर को शामिल कर बनाई गई।कमेटी ने महल के दौरे के लिए वन मंडल अधिकारी,औबेदुल्लागंज को आवेदन पत्र 13 दिसंबर 21 को दिया गया।वन मंडल अधिकारी ने बाघ मूवमेंट और बाघ गणना का हवाला देकर कमेटी में शामिल विधायकों के प्रतिनिधिमंडल को किले पर जाने की अनुमति नहीं दी।इसके बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार आदिवासियों की इस गौरवशाली धरोहर को संभालने में पूर्णत असफल हुई है।इसलिए वहां किले पर जाने का प्रतिबंध लगाकर असफलता को छुपाना चाहती है।विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि आदिवासी संस्कृति और उसके गौरवशाली इतिहास की धरोहर रानी कमलापति के नाम पर हो रही राजनीति से बीजेपी का चाल, चरित्र और चेहरा दुबारा उजागर हुआ है। जिस बीजेपी को पिछले 18 वर्षो से कभी रानी कमलापति की याद नहीं आई, आज वहां उनके इतिहास को गौरवशाली बताकर और उनके नाम पर हबीबगंज स्टेशन का नामकरण कर रही है।उन्होंने कहा कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नामकरण, जिस खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और तमाम भाजपा नेतागण ही, भारत के पूर्व पीएम स्व.अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने की मांग कर रहे थे,उस सिर्फ राजनीतिक लाभ की दृष्टि से रानी कमलापति के नाम से कर के प्रदेश सरकार सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने किले के जीर्णोद्धार का संकल्प लिया है और किले की वास्तविक स्थिति हम जनता के सामने लाकर रहेगी। सरकार कितने भी प्रतिबंध लगा ले हमारा संघर्ष जारी रहेगा और हम रानी कमलापति की इस गौरवशाली आखिरी धरोहर को यूं मिटने, बर्बाद होने नहीं देने वाले हैं।
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