
प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस में मची अफरा-तफरी कम नहीं हो पा रही है। देवास जिले की पांच में से तीन विधानसभा सिर्फ इसीलिए अटक गई क्योंकि अंतर्कलह बढ़ गई। खास बात तो यह है कि एक नाम के कारण तीन सीटें उलझ गई। पोस्टरवार चला, इस्तीफे की धमकी दी गई…लेकिन मामला नहीं सुलझ सका। अब यह बात सामने आ रही है कि होगा वही जो संगठन ने तय किया है।
18-19 तारीख तक स्थिति स्पष्ट होने की संभावना जताई जा रही है। दरअसल, कांग्रेस ने नवरात्र के पहले दिन सोनकच्छ और हाटपीपल्या के प्रत्याशी घोषित किए थे। सोनकच्छ में पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा को टिकट दिया तो हाटपीपल्या से राजवीरसिंह बघेल पर भरोसा जताया। देवास और खातेगांव के विधानसभाएं प्रत्याशियों के नाम भी पहली सूची में आने की बात कही गई थी, लेकिन पेच फंसने के कारण मामला उलझ गया।
इसके चलते देवास और खातेगांव विधानसभा को रूकी ही, बागली की घोषणा भी टल गई। इसे लेकर पार्टी में मंथन चल रहा है। कुछ नेताओं की नाराजगी भी सामने आ रही है। कानाफूसी हो रही है कि आखिर पार्टी चाहती क्या
सबसे ज्यादा चिंता कार्यकर्ताओं को है, क्योंकि कांग्रेस में संगठन से पहले नेता को रखा जाता है, संगठन बाद में। ऐसे में वे तय नहीं कर पा रहे कि करना क्या है। इस कारण सोनकच्छ और हाटपीपल्या को छोड़ शेष विधानसभाओं में कांग्रेस अभी तक चुनावी मोड़ में नजर नहीं आ रही।