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मध्यप्रदेश

जबलपुर नर्मदा में नाले का पानी नहीं कर सके बंद  ,

पश्चिम विधानसभा। नर्मदा नदी के किनारे से बसी इस विधानसभा में शहर ही नहीं बाहर से भी नर्मदा दर्शन करने हर दिन सैकड़ों लोग पहुंचते हैं। घाट अब पहले से आकर्षक है। सुविधा भी बढ़ी है। इसके बावजूद नर्मदा में छोटे-बड़े नाले मिल रहे हैं। श्रद्धालु से लेकर नेता तक आते हैं नर्मदा आचमन करते हैं। चुनाव के वक्त नर्मदा को स्वच्छ करने के दावे होते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर काम कुछ नहीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार बदली, नेेता बदले लेकिन नर्मदा के नाले मिलना बंद नहीं हुआ।

फिर नर्मदा तट को आकर्षक बनाने के दावे हो रहे हैं

विधानसभा चुनाव में एक बार फिर नर्मदा तट को आकर्षक बनाने के दावे हो रहे हैं। हर नेता नर्मदा के लिए काम करने का भरोसा दे रहा है। विधानसभा में चुनावी शोरगुल तेज हो चुका है। घरों के बाहर झंड़े-बैनर पार्टियों के टंग चुके हैं। मतदाता भी भाजपा-कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों के प्रत्याशियों की टोंह ले रहे हैं। दोनों ही प्रत्याशी अपने विकास के दावे को जनता के बीच अलग-अलग अंदाज में पेश कर रहे हैं।

पश्चिम विधानसभा में रोजगार, इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य , पर्यटन ,यातायात और अपराध का मुद्दा चर्चा में है। इस विधानसभा में विकास नाम पर काम देखने लायक है जनता तक इस बात को मानती है। ये बात अलग है कि चुनाव में हर पार्टी के प्रत्याशी इस विकास पर अपना-अपना दावा करते घूम रहे हैं। बंदरिया तिराहे के पास पान का टपरा चलाने वाले ओम चक्रवर्ती से चुनावी हवा पर चर्चा की तो उन्होंने कहा कि भईया विकास तो हुआ है। सरकारी योजना में लाभ मिला है। प्रत्याशी सभी अच्छे हैं लेकिन राष्ट्र और प्रदेश के साथ गरीबों की चिंता करने वाले को प्राथमिकता देंगे।

नेता से मंत्री बन जाते हैं, नर्मदा में आस्था, लेकिन काम अधूरा

गौरीघाट में नाव चलाने वाले बाबू बर्मन ने बताया बचपन से नाव चला रहे हैं। नेता से मंत्री तक बन जाते हैं नर्मदा में आस्था भी जाहिर करते हैं, लेकिन नर्मदा को मैला होने से कोई नहीं रोक पाया। सब सत्ता में आकर भूल जाते हैं। सिद्धघाट में नाली नर्मदा में मिलती है। इसी तरह नाव घाट में आसपास की होटल और दुकानों का गंदा पानी नर्मदा में पहुंच रहा है। खारी घाट में कालोनी का पानी मिलता है। लक्ष्मण बर्मन ने कहा कि घाट क सौर्दर्यीकरण से ज्यादा जरूरी है नर्मदा को पवित्र बनाना तभी तो नर्मदा रहेंगी और हम सभी की जीवन भी।

व्यवस्था के नाम पर चेजिंग रूम तक नहीं है जो हैं उनमें ताला लगा

घाट में महिलाओं के लिए व्यवस्था के नाम पर चेजिंग रूम तक नहीं है जो हैं उनमें ताला लगा है। खुले में महिलाए नहाकर कपड़े बदलती हैं। पश्चिम विधानसभा में ऐसे ही कई ताल तलैया है जिनका सौदर्यीकरण हो चुका है यहां पर्यटकों के लिए मदन महल का किला है। खूबसूरत गुलौआताल, संग्रामसागर ताल, सूपाताल,देवताल समेत कई बावड़ी हैं। रोजगार के हब के रूप में आइटी पार्क का विकास हुआ है जहां पर कई मल्ट्रीनेशनल कंपनी रोजगार दे रही है। इसके अलावा यातायात के लिए शंकराचार्य चौक और गोरखपुर, रामलला मंदिर के पास यातायात की समस्या है जिसका वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए ब्राडगेज लाइन की जमीन पर सड़क बनाने की योजना लंबे सयम से प्रस्तावित है।

मंडी है खाली

स्मार्ट सिटी की तरफ से कछपुरा पुल के नीचे आकर्षक हाकर जोन बनाया। दो करोड़ रूपये खर्च हुए लेकिन सालों बाद भी सड़क किनारे सब्जी बेचने वालों को इस हाकर जोन में नहीं लाया जा सका। इसकी उपयोगिता फलीभूत नहीं हो पा रही है।

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