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मध्यप्रदेश

अनुगूंज में दिखी कला से समृद्ध शिक्षा की झलक, स्कूली बच्चों ने शानदार प्रस्तुतियों से बांधा समां

मप्र स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कला से समृद्ध शिक्षा के तहत राजधानी के शिवाजी नगर में स्थित शासकीय सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम अनुगूंज का आयोजन किया गया। अनुगूंज के इस पांचवें आयोजन में शासकीय विद्यालयों के लगभग 700 विद्यार्थियों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। दो दिवसीय यह कार्यक्रम वर्ड क्लासिक्स की केंद्रीय थीम से सजाया गया है। अनुगूंज का यह पांचवां आयोजन है। पहले दिन अनुगूंज के धनक में वाद्यवृन्द, गीत संगीत की जुगलबंदी, भारत के विविध शास्त्रीय नृत्य, फ्यूजन और वेस्टर्न नृत्य आदि की प्रस्तुतियां दी गईं। इस वर्ष इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में इंदौर संभाग की नृत्य प्रस्तुति भी शामिल हुईं। बता दें कि अनुगूंज स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वैश्विक शिक्षा प्रणाली की दिशा में कला से समृद्ध शिक्षा का अभिनव आयोजन है। इस दौरान विद्यार्थियों को अंतरराज्यीय संस्कृति, कलाओं और शैलियों को जानने का अवसर मिला। इस दौरान कलाकारों की प्रस्तुति में कई राज्यों की संस्कृति की झलक देखने को मिली। कार्यक्रम का उद्घाटन पद्मश्री ध्रुपद गायक उमाकांत गुंदेचा ने किया।

धनक में हुई बाउंडलेस मेलोडीज की प्रस्तुति

कार्यक्रम के पहले दिन धनक के तहत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं। वाद्य संगीत के तहत सुप्रसिद्ध संगीतकार मारिस लाजरस के मार्गदर्शन में राजधानी के विभिन्न शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों ने वैश्विक उत्सव की प्रतीक बाउंडलेस मेलोडीज की प्रस्तुति दी। जिसमें केवल आठ मिनट में अलौकिक अनुभव कराया गया। इसमें वेस्टर्न सिम्फनी, होपाक राशियन, फ्लेमिंगो स्पेन, अरेबियन अरब, कैलिप्सो अफ्रीका, गरबा का समावेश दिखा, जिसे वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया गया है। मंच पर सरकारी स्कूल के बच्चों ने अपनी प्रस्तुति से समां बांध दिया जो एक प्रोफेशनल बैंड की तरह प्रस्तुति दे रहे थे। इसके लिए उन्हें 12 दिन का प्रशिक्षण दिया गया। बच्चों ने फ्लूट और सिंथेसाइजर पर गिटार, बेस गिटार, ट्रम्पेट, ब्रास, स्टील्ड्रम, अकोर्डियन, वायलिन, संतूर और भी बहुत उपकरण बजाए।

कथक शैली में भगवान शिव के प्रति भक्ति और लीलाओं का वर्णन

वहीं कार्यक्रम में वृंद गान के तहत ख्यात संगीतकार उमेश तरकसवार के निर्देशन में क्लासिक फ्यूजन जुगलबंदी की प्रस्तुति दी गई। इसमें राजधानी की 10 शासकीय शालाओं के 75 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इसके बाद कथक नृत्य शैली में शिव वंदना रचना पेश की गई, जिसमें नृत्याभिनय के साथ कथक शैली में भगवान शिव के प्रति भक्ति प्रदर्शित और उनके द्वारा की गई विभिन्न लीलाओं को समाहित किया गया। इस आयोजन में इंदौर के विभिन्न शासकीय विद्यालयों के पचास से अधिक विद्यार्थी ख्यातिलब्ध कथक नृत्यांगना और नृत्य गुरु दीपिका सिंह राठौर के मार्गदर्शन में यह कथक नृत्य पेश किया।

भरतनाट्यम में किया पंच तत्वों का वर्णन

कार्यक्रम की अगली कड़ी में मोहनीअट्टम कुचिपुड़ी विधा की शीर्षस्थ कलाकारों में शामिल वरिष्ठ नृत्य गुरु कविता शाजी के निर्देशन में शासकीय विद्यालयों के लगभग 70 विद्यार्थियों ने मोहनीअट्टम और कुचिपुड़ी नृत्य शैली में दुर्गा स्तुति का मनमोहक प्रदर्शन किया। वहीं, भरतनाट्यम नृत्य में पंच तत्वों, क्षिति, जल, पावक, गगन एवं समीर का वर्णन करते हुए भोपाल की लगभग 15 विभिन्न शासकीय शालाओं की लगभग 70 छात्राओं ने की सहभागिता की है। इस प्रस्तुति की संरचना, कोरियोग्राफी और निर्देशन शिखर सम्मान से विभूषित प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्य गुरु डा. लता सिंह मुंशी ने किया।

फ्यूजन नृत्य आनंदम में कई नृत्यों का समावेश

वहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों के सुप्रसिध्द कला गुरुजन श्वेता देवेन्द्र, क्षमा मालवीय और मिलिंद दाभाड़े के निर्देशन में बच्चों ने फ्यूजन नृत्य आनंदम पेश किया, जिसमें विभिन्न नृत्यों का समावेश रहा। इसके तहत भरतनाट्यम नृत्य से आदिम मंदिरों की सुंदरता, कथक नृत्य शैली से पुराने किलों की भव्यता एवं पश्चिमी नृत्य शैली के माध्यम से मिस्र के ऐतिहासिक पिरामिडों का मनमोहक प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रस्तुति में शहर के अनेक शासकीय विद्यालयों के लगभग 160 विद्यार्थी शामिल रहे।

अभिरुचियों पर आधारित सृजन कार्यशालाएं

अनुगूंज के सृजन भाग के तहत विभिन्न अभिरुचि कार्यशालाओं का आयोजन हुआ। इसमें अंतरारष्ट्रीय सिरेमिक कलाकार शंपा शाह के मार्गदर्शन में माटीकला कार्यशाला माटी-मूरत और सूरत पर बच्चों ने आकर्षक मुखौटे तैयार किए। वरिष्ठ छायाचित्रकार हेमंत वायंगणकर के मार्गदर्शन में फोटोग्राफी कार्यशाला लैंस व्यू एवं सुप्रसिद्ध चित्रकार शोभा घारे के मार्गदर्शन में चित्रकला कार्यशाला रंग सरोकार का आयोजन किया गया। इन कार्यशालाओं में विद्यार्थियों ने अपनी कल्पनाओं को जो आकार दिए हैं, वे अनुगूंज परिसर में आयोजित प्रदर्शनी में संजोए गए हैं। इसके अलावा अनुगूंज के मंच संचालन कर रहे विद्यार्थियों को आकाशवाणी के वरिष्ठ उद्घोषक अरविंद सोनी ने उद्घोषक कार्यशाला में मंच संचालन और उद्घोषणा की कला से संवारा है।

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