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आज दिखाई देगा चंद्रग्रहण, जानें देश के किन हिस्सों में और कितनी देर के लिए नजर आएगा

देश में आज साल 2021 का पहला चंद्रग्रहण लगेगा। यह देश के पूर्वोत्तर भाग में चंद्रोदय के बाद कुछ वक्त के लिए दिखाई देगा। भारतीय मौसम विभाग ने इस बारे में जानकारी दी है। यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा, लेकिन भारत में यह उपछाया चंद्रग्रहण के रूप में ही दिखाई देगा।ग्रहण का समयचंद्र ग्रहण बुधवार दोपहर 3.15 बजे शुरू होगा और शाम 6.23 बजे तक चलेगा। शाम को चंद्रोदय के बाद यह दिखना शुरू होगा। इस दौरान 4.39 से 4.58 के बीच पूर्ण चंद्रग्रहण लगेगा। लेकिन यह चंद्रग्रहण भारत में हर जगह दिखाई नहीं देगा।कहां-कहां दिखेगा ग्रहण?मौसम विभाग के मुताबिक, चंद्रग्रहण सिक्किम को छोड़कर पूर्वोत्तर राज्यों, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में दिखाई देगा। द्वीप समूह में यह करीब 45 मिनट तक देखा जा सकता है। वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों में यह दो मिनट से लेकर करीब आधे घंटा तक दिखाई देगा।यह चंद्रग्रहण भारत के अलावा उत्तर और दक्षिण अमेरिकी, प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के कई देशों में दिखाई देगा। इसके बाद देश में 19 नवंबर को अरुणाचल और असम के पूर्वी भाग में आंशिक चंद्रग्रहण दिखाई देगा।कब होती है यह खगोलीय घटना?पूर्ण और आंशिक चंद्रग्रहण पृथ्वी के सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाने की वजह से होते हैं। इस दौरान सूर्य के प्रकाश से चमकने वाला चंद्रमा अंधेरे में डूब जाता है। रात में उसकी रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती है। यह सिर्फ पूर्णिमा पर ही होता है।चंद्रग्रहण तीन तरह के होते हैं-पूर्ण, आंशिक और उपछाया चंद्रग्रहण।पूर्ण चंद्रग्रहण : जब चंद्रमा और सूरज के बीच में पृथ्वी आ जाती है। पृथ्वी की घनी छाया चंद्रमा को पूरी तरह ढंक लेती है। इससे चंद्रमा चमकीला न दिखकर लाल दिखने लगता है। आंशिक चंद्रग्रहण : जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी इस तरह आए कि उसकी छाया चंद्रमा के कुछ हिस्से पर पड़े तो इसे आंशिक चंद्रग्रहण कहते हैं। इसमें चंद्रमा की चमक कुछ कम दिखने लगती है। उपछाया चंद्रग्रहण : सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आने पर बीच में तो घनी छाया बनती है, लेकिन उसके चारों और उपछाया बनती है। जब चंद्रमा सिर्फ उपछाया वाले भाग में आता है तो इसे उपछाया चंद्रग्रहण कहते हैं। इस ग्रहण को पहचानना मुश्किल होता है, क्योंकि चंद्रमा की चमक कुछ ही कम होती है। केवल टेलिस्कोप से ही चमक का अंतर समझा जा सकता है।

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