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मध्यप्रदेश

याद रहेगा गोंड महारानी दुर्गावती, रानी कमलापति का बलिदान : पीएम मोदी

भोपाल । प्रधानमंत्री मोदी ने आज कहा कि आजादी के बाद देश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर पूरे देश के जनजातीय समाज की कला, संस्कृति, स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्रनिर्माण में उनके योगदान को गौरव के साथ याद किया जा रहा है, उनका सम्मान किया जा रहा है। पीएम ने कहा कि गोंड महारानी वीर दुर्गावती का शौर्य हो या फिर रानी कमलापति का बलिदान, देश इन्हें भूल नहीं सकता। वीर महाराणा प्रताप के संघर्ष की कल्पना उन बहादुर भीलों के बिना नहीं की जा सकती जिन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी और बलिदान दिया। यह बात सोमवार को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए भोपाल के जंबूरी मैदान पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही। इसके पूर्व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जंबूरी मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनजातीय प्रतीकों बैगा माला, पगड़ी, जैकेट एवं तीरकमान भेंटकर पारंपरिक रूप से उनका स्वागत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जनसभा को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मैं आज भगवान बिरसा को प्रणाम करता हूं क्योंकि उन्होंने हमारे आदिवासी जनजातीय समाज को अंग्रेजों के शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए जबरदस्त संघर्ष किया था और अपने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया था। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एक जमान था, जब सिर्फ एक पार्टी राज करती थी, उसने एक खानदान के अलावा आजादी की लड़ाई का योगदान और श्रेय किसी और को नहीं दिया। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान बिरसा का सम्मान किया, जो सम्पूर्ण जनजाति का सम्मान है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आप सभी को भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर बहुत बहुत शुभकामनाएं। आज का दिन पूरे देश के लिए, पूरे जनजातीय समाज के लिए बहुत बड़ा दिन है। आज भारत अपना पहला जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आदिवासी समाज के लिए शिवराज सरकार ने आज कई बड़ी योजनाओं का शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी अपने नाच-गाने में, अपने गीतों में, अपनी परंपराओं में जीवन का उद्देश्य बखूबी प्रस्तुत करते हैं। मैंने जब गीत के शब्दों को बारीकी से देखा तो मैं गीत को तो नहीं दोहरा रहा। लेकिन आपने जो कहा शायद देशभर के लोगों को आपका एक-एक शब्द जीवन जीने का कारण और इरादा जीवन जीने के लिए बखूबी प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का संतोष है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन मिलने से कोरोनाकाल में गरीब आदिवासी परिवारों को इतनी बड़ी मदद मिली। अब जब गांवों में आपके घर के पास सस्ता राशन पहुंचेगा तो आपका समय भी बचेगा और अतिरिक्त खर्च से भी मुक्ति मिलेगी। आयुष्मान भारत योजना से पहले ही अनेक बीमारियों का मुफ्त इलाज आदिवासी समाज को मिल रहा है, देश के गरीबों को मिल रहा है। मुझे खुशी है कि मध्य प्रदेश में जनजातिय परिवारों में तेजी से मुफ्त टीककरण भी हो रहा है। दुनिया के पढ़े लिखे देशों में टीकाकरण को लेकर सवालियां निशान लगाने की खबरें आती हैं लेकिन मेरी आदिवासी भाई-बहन टीकाकरण को समझती भी हैं। स्वीकारती भी हैं और देश को बचाने में अपनी भूमिका भी निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि 100 साल की सबसे बड़ी महामारी से सारी दुनिया लड़ रही है। सबसे बड़ी महामारी से निपटने के लिए जनजातिय समाज के सभी साथियों का टीकाकरण के लिए आगे आना सचमुच में अपने आप में गौरवपूर्ण घटना है। पढ़े-लिखे शहरों में रहने वालों को मेरे इन आदिवासी भाईयों से बहुत कुछ सीखना चाहिए।

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