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राजनीति

गोपाल भार्गव आठ बार मप्र की रहली सीट से चुनाव जीत कर  विधानसभा में पहुंचे हैं इस बार भी मैदान में

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के रहली विधान सभा का उल्‍लेख करना दिलचस्‍प होगा। इस सीट से एक नेता लगातार आठ बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर मध्‍य प्रदेश विधानसभा में पहुंचे हैं। ये नेता हैं मध्‍य प्रदेश के मंत्री गोपाल भार्गव। भाजपा ने इस बार फ‍िर गोपाल भार्गव पर ही भरोसा जताया है। कांग्रेस ने उनके सामने ज्‍योति पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है।

नौवीं बार चुनाव मैदान में उतरेंगे गोपाल भार्गव

भाजपा की केंद्रीय समिति ने अपनी पहली सूची में रहली सीट से गोपाल भार्गव को उम्‍मीदवार घोषित किया है। इससे पहले इस सीट को लेकर अटकलों का दौर चल रहा था। स्‍वयं गोपाल भार्गव ने एक कार्यक्रम में कहा था कि उनके गुरू चाहते हैं कि वे इस बार भी चुनावी मैदान में उतरें।

1985 से लगातार विजयश्री का वरण

गोपाल भार्गव 1985 से रहली सीट से विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं। पिछली बार हुए विधानसभा चुनाव में भार्गव ने कांग्रेस के प्रत्‍याशी कमलेश साहू को 26888 मतों के अंतर से शिकस्‍त दी थी।

2003 से भाजपा सरकार में मंत्री

गोपाल भार्गव वर्ष 2003 से ही भाजपा सरकार में मंत्री बनते आ रहे हैं। वे विभिन्‍न दायित्‍वों का निर्वहन कर चुके हैं। वर्ष 2018 में मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर उन्‍हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। श‍िवराज सरकार में भार्गव ने लोक निर्माण मंत्री का दायित्‍व निभाया।

भाजपा का अजेय गढ़ माना जाता है रहली को

मध्‍य प्रदेश के सागर जिले की रहली विधानसभा सीट को भाजपा का अजेय गढ़ माना जाता है। राजनीतिक विश्‍लेषकों का मानना है कि गोपाल भार्गव को इसी कारण चुनावों में अच्‍छे अंतर से जीत हासिल होती है।

भाजपा का अजेय गढ़ माना जाता है रहली को

मध्‍य प्रदेश के सागर जिले की रहली विधानसभा सीट को भाजपा का अजेय गढ़ माना जाता है। राजनीतिक विश्‍लेषकों का मानना है कि गोपाल भार्गव को इसी कारण चुनावों में अच्‍छे अंतर से जीत हासिल होती है।

महादेव प्रसाद हजारी को परास्‍त कर बने थे पहली बार विधायक

गोपाल भार्गव ने 1985 के चुनाव में कांग्रेस के उम्‍मीदवार महादेव प्रसाद हजारी को पराजित कर विधानसभा में कदम रखा था। इसके बाद उन्‍होंने इस सीट पर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

महादेव प्रसाद हजारी को परास्‍त कर बने थे पहली बार विधायक

गोपाल भार्गव ने 1985 के चुनाव में कांग्रेस के उम्‍मीदवार महादेव प्रसाद हजारी को पराजित कर विधानसभा में कदम रखा था। इसके बाद उन्‍होंने इस सीट पर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

रहली विधानसभा सीट पर एक नजर

आंकड़े बताते हैं कि मध्‍य प्रदेश के सागर जिले की रहली विधानसभा सीट 1951 में अस्तित्‍व में हाई थी। इस सीट पर 1951 के बाद 1957 और 1962 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्‍याशी ने जीत हासिल की। 1967 में इस सीट पर जनसंघ के प्रत्‍याशी ने जीत हासिल की। 1972 से 1980 तक इस सीट पर कांग्रेस को जीत नसीब हुई। इसके बाद रहली सीट और गोपाल भार्गव एक दूसरे का पर्याय बनकर रह गए।

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