जिले में कोलाहल अधिनियम के तहत लाउड स्पीकर, डीजे का साउंड निर्धारित कर दिया गया है। अब निर्धारित डेसीबल से अधिक आवाज आई तो साउंड सिस्टम जब्त कर लिया जाएगा, केस भी दर्ज होगा। शहर में धर्म गुरुओं, डीजे संचालकों, मैरिज गार्डन संचालकों से अपील की गई है। कि नियमों का पालन करें, उल्लंघन करते पाए गए तो साउंड सिस्टम जब्त करने के साथ केस भी दर्ज किया जाएगा।
बाइक के साउंड के बराबर ही आवाज हो
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आरके रोहतास का कहना है कि मोटर साइकिल से जो आवाज आती है, वह निर्धारित मापदंड में रहती है। शहर में डीजे व लाउड स्पीकर भारी आवाज में बज रहे हैं, जिनकी आवाज मापदंड से कहीं अधिक है। मानक के अनुसार इंस्ट्रूमेंटल धुन ही बजा सकेंगे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार बाइक के साउंड के बराबर ही आवाज हो, इससे अधिक पर उल्लंघन, धर्म गुरुओं, डीजे और मैरिज गार्डन संचालकों को जानकारी दें
इतनी आवाज में बजा सकते हैं
- एक डेसिबल की आवाज 435.55 स्क्वायर फीट तक सुनाई देती है। आवासीय क्षेत्र में दिन का डेसिबल 55 है। साउंड इतना खोलें कि 23 हजार 955 स्क्वायर फीट (एक बीघा से अधिक) में सुनाई दे। इससे बाहर आवाज जाती है तो नियम का उल्लंघन माना जाएगा।
- लाउड स्पीकर, डीजे इस स्थिति में नहीं बजा सकेंगे। क्योंकि लाउड स्पीकर व डीजे की आवाज किलोमीटर तक पहुंच जाती है।
- ध्वनि प्रदूषण नापने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास दो मशीनें हैं। एक साढ़े तीन लाख रुपए की आती है, दूसरी हेंड मीटर है, जिसकी कीमत 1.50 लाख रुपए है। आम लोग ध्वनि नापने के लिए यंत्र नहीं खरीद सकते हैं।
- गूगल प्ले स्टोर पर भी ध्वनि मापने के ऐप मौजूद हैं। इससे औसत पता कर सकते हैं, सही जानकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डिवाइस से मिल सकती है।
- यदि 80 डेसिबल से ऊपर आवाज जाती है तो उससे लोगों में बहरेपन का खतरा बढ़ जाता है। चिड़चिड़ापन आता है।
ये मानक निर्धारित लिमिट डेसिबल
जोन दिन रात
औद्योगिक- 75 70
व्यवसायिक – 65 55
आवासीय – 55 45
शांत क्षेत्र – 50 40
(इससे अधिक आवाज हुई तो कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।)
शांत क्षेत्र स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, हाईकोर्ट, कलेक्ट्रेट, वीवीआइपी आदि इलाके आते हैं।
आवासीय: कॉलोनी, मोहल्ले, हाउसिंग प्रोजेक्ट की कॉलोनी।