गृहमंत्री अमित शाह ने तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल लोकसभा में पेश किए। यह तीनों बिल लोकसभा से पास होकर राज्यसभा में रखा जाएगा। अमित शाह ने इनको पेश कर कहा कि राजद्रोह कानून निरस्त कर दिया है। यह अंग्रेजों के समय का कानून था। अब नाबालिग से रेप और मॉब लिंचिंग जैसे अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान भी कर दिया है।
राजद्रोह का कानून खत्म
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बिल पेश करते हुए बताया कि राजद्रोह कानून को निरस्त करने का फैसला सरकार ने किया है। बिल में मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है। इसके साथ ही आजीवन कारावास का 7 साल की सजा में परिवर्तन कर सकेंगे। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद भी वह कानून चलता रहा जिसके दम पर लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी व सरदार पटेल को 6-6 साल तक जेल में रखा गया। हमने उस कानून को निरस्त कर देशद्रोह कर दिया है। लोकतांत्रित देश में सरकार की आलोचना कोई भी कर सकता है, लेकिन देश आलोचना करने की इजाजत किसी को भी नहीं दी जा सकती है। ऐसे लोगों के खिलआफ कार्रवाई होनी ही चाहिए।
आतंकवाद को लेकर क्या हैं प्रावधान?
भारतीय न्याय संहित में आतंकवाद की व्याख्या कर दंडनीय अपराध बना दिया है। इस कानून बनने से कोई भी आतंकवादी फायदा उठा नहीं सकेगा।
मॉब लिंचिग पर सख्त कानून
भारतीय न्याय संहिता में मॉब लिंचिंग को लेकर कानून बनाया गया है। बिल में मॉब लिंचिंग पर अब आजीवन कारावास से मौत की सजा तक का प्रावधान है।