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वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने के संकल्प का प्रतीक: पीएम मोदी

 वीर बाल दिवस (Veer Bal Diwas 2023) के अवसर पर दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम् में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के साथ ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और अनुराग ठाकुर ने हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने यहां उपस्थित बच्चों और लोगों को संबोधित किया।

पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें

  • पिछले वर्ष देश ने पहली बार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाया था। तब पूरे देश में सभी ने भाव विभोर होकर साहिबजादों की वीर गाथाओं को सुना था।
  • वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने के संकल्प का प्रतीक है। ये दिन हमें याद दिलाता है कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती।
  • आज देश वीर साहिबजादों के अमर बलिदान को याद कर रहा है, उनसे प्रेरणा ले रहा है। आजादी के अमृतकाल में ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में एक नया अध्याय प्रारंभ हुआ है।
  • आज भारत, दुनिया के उन देशों में से है, जो देश सबसे ज्यादा युवा देश है। इतना युवा तो भारत अपनी आजादी की लड़ाई के समय भी नहीं था।
  • जब उस युवाशक्ति ने देश को आजादी दिलाई, तो आज की युवाशक्ति भारत को किस ऊंचाई पर ले जा सकती है… यह कल्पना से परे है।

देश आज वीर साहिबजादों को याद कर रहा है। देश ही नहीं, आज पूरी दुनिया वीर साहिबजादों को जान रही है।देश आज गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा है। जब हम आप अपनी विरासत को याद कर रहे हैं, हमारे शहीदों को याद कर रहे हैं तो दुनिया का हमारे प्रति नजरिया भी बदला है।

  • आज के भारत के लिए साहिबजादों का बलिदान राष्ट्रीय प्रेरण का विषय है।
  • पिछले वर्ष देश ने पहली बार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाया था। तब पूरे देश में सभी ने भाव विभोर होकर साहिबजादों की वीर गाथाओं को सुना था।
  • वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने के संकल्प का प्रतीक है। ये दिन हमें याद दिलाता है कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती।
  • आज देश वीर साहिबजादों के अमर बलिदान को याद कर रहा है, उनसे प्रेरणा ले रहा है। आजादी के अमृतकाल में ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में एक नया अध्याय प्रारंभ हुआ है।
  • देश आज वीर साहिबजादों को याद कर रहा है। देश ही नहीं, आज पूरी दुनिया वीर साहिबजादों को जान रही है।देश आज गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा है। जब हम आप अपनी विरासत को याद कर रहे हैं, हमारे शहीदों को याद कर रहे हैं तो दुनिया का हमारे प्रति नजरिया भी बदला है।
  • आज के भारत के लिए साहिबजादों का बलिदान राष्ट्रीय प्रेरण का विषय है।
  • आज भारत, दुनिया के उन देशों में से है, जो देश सबसे ज्यादा युवा देश है। इतना युवा तो भारत अपनी आजादी की लड़ाई के समय भी नहीं था।
  • जब उस युवाशक्ति ने देश को आजादी दिलाई, तो आज की युवाशक्ति भारत को किस ऊंचाई पर ले जा सकती है… यह कल्पना से परे है।

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