उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक बाघ रिहायशी इलाके में घुस गया। सुबह जब स्थानीय लोगों ने उसे देखा तो तो घबरा गए। आनन-फानन में वन विभाग को इसकी सूचना दी। वन विभाग के कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत के बाद टाइगर को काबू में लिया है। इधर पीलीभीत के कलीनगर तहसील क्षेत्र के अटकोना गांव के स्थानीय लोगों में बाघ को देखने का रोमांच था। लोगों की भीड़ घर और छतों से खड़े होकर बाघ को देख रहे थे। इस बीच ग्रामीणों ने टाइगर का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया।
बेहोशी की दवा के बाद भी बाघ उठ खड़ा हुआ
वन विभाग के कर्मचारी टाइगर को काबू करने के लिए बेहोशी की दवा का इंजेक्शन लेकर पहुंचे थे। उसे बेहोश करने के बाद आंखों पर काला कपड़ा डालने का प्रयास किया गया। फिर उसे तीन तरफ से घरने के बाद हरे रंग के कपड़े से ढंकने की कोशिश की गई। हालांकि बेहोशी की दवा के बाद भी बाघ को काबू करना आसान नहीं था।
ग्रामीणों ने सील कर दिया
इलाके में टाइगर को देखने के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम के पहुंचने से पहले दीवार की घेराबंदी कर दी। जहां बाघ बैठा हुआ था। इससे उसके मूवमेट का दायरा कम हो गया। लोगों ने रस्सी और तार से एरिया को सील कर दिया।
बाघ करीब 10 घंटे तक दीवार पर चहलकदमी करता रहा। ये पहला मौका नहीं जब जंगली जानवरी किसी गांव में घुसा हो। पीलीभीत में कई बार बाघों को देखा गया है।