News Follow Up
व्यापार

Gold Hallmarking क्या है और क्या पड़ेगा इससे असर, जानिए अहम सवालों के जवाब

नई दिल्ली । इस सप्ताह बुधवार से चुनिंदा स्वर्ण आभूषणों एवं कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है। फिलहाल यह 256 जिलों में शुरू की गई है और अगस्त के आखिर तक वैकल्पिक है। लेकिन देशभर के कई हिस्सों में ज्वैलरों और ग्राहकों में इसे लेकर कई संशय और सवाल हैं, जिसके चलते पिछले तीन दिनों के दौरान सोने के भाव में कई जगह गिरावट आई है। हकीकत यह है कि इस नई व्यवस्था से ज्वैलर या ग्राहक, किसी को भी परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है।

मोटे तौर पर हॉलमार्किंग इस बात का प्रमाण है कि जेवर और कलाकृतियों (फिलहाल सोने और चांदी) की गुणवत्ता क्या है। इसका संचालन और प्रमाणीकरण भारतीय मानक ब्यूरो यानी बीआइएस द्वारा किया जाता है। हॉलमार्किंग ज्वैलरों के लिए अनिवार्य है, यानी वे ग्राहक को बिना हॉलमार्किंग वाली ज्वैलरी नहीं बेच सकते हैं। इसमें फिलहाल उन ज्वैलर्स को शामिल नहीं किया गया है, जिनका सालाना राजस्व 40 लाख रुपये से कम है। सरकार ने चुनिंदा गहनों को अभी इससे छूट दी हुई है।

हॉलमार्किंग की जरूरत क्या है?

असल में हॉलमार्किंग की जरूरत सिर्फ इतनी है कि वह ग्राहकों को आश्वस्त करता है कि ज्वैलर उसे जो ज्वैलरी बेच रहा है, उसकी गुणवत्ता वही है, जो ज्वैलर बता रहा है। यह जानना दिलचस्प है कि भारत दुनिया का सबसे बडा स्वर्ण उपभोक्ता बाजार है। लेकिन यहां वर्तमान में सिर्फ 30 फीसद ज्वैलरी की हॉलमार्किंग हो रही है। इसका मतलब यह है कि 70 फीसद जेवर के मालिकों के पास ज्वैलर पर भरोसा करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है कि जो ज्वैलरी उन्होंने खरीदी है वह असली है या नहीं, और कितनी असली है।

मान लीजिए कि किसी ज्वैलर ने ग्राहक को बिना हॉलमार्क वाली कोई ज्वैलरी 22 कैरेट की बताकर बेची। लेकिन उसी ज्वैलरी को जब ग्राहक किसी दूसरे ज्वैलर के पास ले गया, तो वहां पता चला कि वह उतने कैरेट का नहीं है। यह भी हो सकता है कि दूसरे ज्वैलर ने उसे सस्ते में खरीदने के लिए उसकी गुणवत्ता कम बताई। ऐसे में ग्राहक बड़ी धोखाधड़ी का शिकार होता है। हॉलमार्किंग स्वर्ण आभूषणों की खरीद-फरोख्त में अब तक बड़े पैमाने पर हो रही इसी धोखाधड़ी और विश्वासघात का समाधान है।

Related posts

क्या है आत्मनिर्भर भारत योजना, जानें किसे मिल सकता है इसका फायदा

NewsFollowUp Team

एक सप्ताह में रिकॉर्ड 1073 करोड़ निकासी

NewsFollowUp Team

10 हजार रुपए से कम कमाते हैं ये 8 करोड़ श्रमिक, ई-श्रम पोर्टल के आंकड़ों में हुआ खुलासा

NewsFollowUp Team