राज्य सरकार ने बडी संख्या में डॉक्टरों को पदस्थ कर दिया है ताकि ग्रामीण लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके। डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे राज्य को 432 से नए डॉक्टर मिले हैं। यह डॉक्टर महीने भर के भीतर ज्वाइन कर लेंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में कुछ हद तक डॉक्टरों की कमी दूर हो सकेगी। इसका फायदा मरीजों को मिलेगा। उन्हें घर के नजदीक इलाज मिल सकेगा। बता दें कि प्रदेश भर में करीब 375 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना डॉक्टर के हैं।
एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीन करीब 30000 की आबादी आती है, जिन्हें इलाज के लिए निजी अस्पताल या फिर कई किलोमीटर चलकर जिला अस्पताल जाना पड़ता है। प्रदेश में विशेषज्ञों के करीब 28 सौ और चिकित्सा अधिकारियों के लगभग 2000 पद खाली हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में डॉक्टरों की ज्यादा कमी है, जिससे वहां के मरीजो को इलाज के लिए दूर जाना पड़ता है।
म. प्र . लोक सेवा आयोग से चिकित्सा अधिकारी के 866 पदों पर भर्ती चल रही थी। पिछले महीने पसंदीदा अस्पताल में पदस्थापना के लिए चिकित्सकों की काउंसलिंग हुई थी। इसके बाद 24 अगस्त को नियुक्ति आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेश जारी होने के दिन से एक महीने के भीतर डॉक्टरों को ज्वाइन करने के लिए कहा गया है। स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 866 पदों पर भर्ती में 495 डॉक्टर मिले थे। इनमें 63 ने काउंसलिंग में भाग नहीं लिया। इन्हे फिर से एक बार मौका दिया जा रहा है। इसके अलावा 576 मेडिकल ऑफिसर की भर्ती और की जा रही है। अगले महीने तक प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन्हें नियुक्त किया जाएगा।
कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर डॉक्टरों की भर्ती जल्दी की जा रही है। विशेषज्ञों के 904 पदों पर सीधी भर्ती भी इसी साल की जाएगी।